चंडीगढ़़, 10 मई। आज महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे ने करोना महामारी के चलते जिस ढंग से चंडीगढ़ के इंडस्ट्री एरिया शमशान घाट में शबों के ऊपर जेबे गर्म की जा रही है उसके मद्देनजर आज चंडीगढ़ के सब नागरिक प्रशासन से यह प्रश्न पूछना चाहते हैं कि इस शमशान घाट के अतिरिक्त अन्य 2 चंडीगढ़ के शमशान घाट सेक्टर 25 और मनीमाजरा जो तब से चल रहे हैं जब से चंडीगढ़ की स्थापना हुई ।आज अगर वह सुचारू रूप से प्रशासन व नगर निगम चला सकते हैं तो फिर इंडस्ट्री एरिया का श्मशान घाट क्या चंडीगढ़ नगर निगम प्रशासन के अधीन नहीं आता उसको भी एक प्राइवेट संस्था त्रिकालदर्शी सेवादल जिस के मुख्य दीनदयाल त्रिपाठी हैं । उनको नगर निगम द्वारा टेंडर दिया गया ऐसा क्यों?
आज बहुत शर्म की बात है जिसको हम जिंदगी का अंतिम पड़ाव समझते हैं उस जगह को भी बीजेपी नगर निगम व प्रशासन द्वारा एक अपने निकट व्यक्ति को सौंप दिया गया।
दीपा ने बताया कि सेक्टर 25 के श्मशान घाट में पिछले 3 साल से चिता की लकड़ी का मूल्य ₹3,000 निर्धारित किया हुआ है और इसी प्रकार मनीमाजरा श्मशान घाट में इन लकड़ियों का मूल्य ₹2,500 निर्धारित किया गया है। चंडीगढ़ के कुछ समाजसेवी आज से नहीं बहुत समय से लावारिस लाशों का दाह संस्कार कर रहे है और जो व्यक्ति खर्च नहीं उठा पाते उनकी वह हर तरीके से दाह संस्कार करने में मदद करते हैं। लेकिन नगर निगम के ऊपर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है ? कि इंडस्ट्री एरिया शमशान घाट में चंडीगढ़ अन्य दोनों शमशान घाटों के चारजी पंडितों को सौंपने की बजाय किसी एक प्राइवेट संस्था को शमशान घाट चलाने के लिए देना कहां तक ठीक है।
दीनदयाल त्रिपाठी का यह कहना कि जब नगर निगम ने इंडस्ट्री एरिया के शमशान घाट के रखरखाव के लिए आवेदन मांगे तो केवल पूरे चंडीगढ़ में से दीनदयाल त्रिपाठी की संस्था त्रिलोकीनाथ सेवा दल ने ही आवेदन दिया और नगर निगम और एडवाइजर द्वारा इसी को ही रखरखाव का कार्यभार सौंप दिया गया। अपनी एक वीडियो में त्रिपाठी ने यह भी कहा कि वह 2 बार से बीजेपी का मंडल अध्यक्ष व कार्यकारिणी सदस्य और डिस्ट्रिक्ट में भी पदों पर आसीन रहे यह सब बातें यही दर्शाती हैं कि नगर निगम और प्रशासन की चुप्पी कहीं इन चीजों को बढ़ावा तो नहीं दे रहे और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने शमशान घाट में से अपनी जेबें गर्म करने से परहेज नहीं कर रहे ।
करोना की महामारी से जो मौतें हो रही हैं उनका दाह संस्कार किस तरीके से आजकल हो रहा है यह सब आप लोगों के सामने हैं बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मौत के बाद भी लाशों से अंतिम संस्कार के नाम पर किस तरीके से यह संस्था लूटपाट कर रही है वह आप लोगों के समक्ष है। एक वीडियो के माध्यम से त्रिपाठी ने कहा कि वह करोना से पीड़ित जो लाशें उनके पास आते हैं उनके परिजनों से ₹3,500 लकड़ी के लिए जाते हैं। जब चंडीगढ़ में 25 सेक्टर जैसे इतने बड़े शमशान घाट में लकड़ी का मूल्य ₹3000 रखा गया है और मनीमाजरा जैसे श्मशान घाट में लकड़ियों का मूल्य ₹2500 रखा गया है तो त्रिपाठी ने ₹3500 लकड़ियों का दाम क्यों रखा इसके ऊपर ₹2000 शव को जलाने की सामग्री के लिए ले रहे ऐसा क्यों?
नगर निगम के पास कोविड सेस के माध्यम से पिछले साल नगर निगम को ₹25 करोड़ लगभग आम जनता द्वारा टैक्स के रूप में दिए गए। नगर निगम को चाहिए कि वह इसको सुनिश्चित करें कि सबसे पहले प्राइवेट संस्था को दिया गया यह टेंडर रद्द किया जाए इनसे यह सेवाएं वापस ली जाए और जिस तरीके से चंडीगढ़ के पुराने दो श्मशान घाट स्चारू रूप से कार्य कर रहे हैं उसी तरह इंडस्ट्री एरिया का यह शमशान घाट भी उन को सौंप दिया जाए। दूसरा इस टेंडर की जो आपत्ति है कांग्रेस पार्टी द्वारा त्रिकालदर्शी संस्था के विरोध में उठाई गई है उनकी निष्पक्षता जांच हो।
दीपा दुबे ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस मामले में उचित कार्रवाई हाईकोर्ट के माननीय न्यायधीश से करवाई जाए। और नगर निगम के कमिश्नर को निर्देश दिए जाएं कि जल्द से जल्द इस संस्था से श्मशान घाट का सारे कार्य वापस ले लिया जाए और इस पर कार्रवाई की जय।
दीपा ने प्रशासन से यह मांग की है कि अभी तक इस संस्था द्वारा जिन गरीब लोगों के परिजनों से जो दाह संस्कार के लिए पैसे वसूले गए वह जल्द से जल्द गरीब परिवारों को वापस करें और आने वाले समय में चंडीगढ़ के हर श्मशान घाट में गरीब परिवारों से आई हुए कोरोना पीड़ित शवों का दाह संस्कार नगर निगम द्वारा बिना शुल्क के किया जाए और संस्कार का सारा खर्च नगर निगम और प्रशासन उठाएं।
दीपा दुबे ने कहा की क्यों चुप है बीजेपी अध्यक्ष अरुण सूद और चंडीगढ़ के मेयर रवि कांत शर्मा इनकी चुप्पी से यह दर्शाता है कि जो कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने एक वीडियो के माध्यम से मुद्दा उठाया है वह सत्य है।