चंडीगढ़, 20 मार्च। चंडीगढ़ डाउन सिंड्रोम सोसाइटी (सीडीएसएस) द्वारा विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस की पूर्व संध्या पर आज यहां एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच), सेक्टर 32 में किया गया। विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच की आवश्यकता के बारे में सुझाव दिया, जो कि डाउन सिंड्रोम जैसे मेडिकल परिस्थितियों की पहचान करने में मदद करती हैं।
डॉ.गुरजीत कौर, प्रेसिडेंट, चंडीगढ़ डाउन सिंड्रोम सोसायटी (सीडीएसएस) ने मेहमानों का स्वागत किया और सीडीएसएस का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ। गुरजीत कौर, अध्यक्ष, सीडीएसएस ने कहा कि ‘‘चंडीगढ़ डाउन सिंड्रोम सोसाइटी 2015 में दिवंगत प्रो. बीएस चवन के प्रभावशाली नेतृत्व में स्थापित की गई थी, जिनके पास न केवल परिवारों को एकजुट करने, बल्कि इन बच्चों को आत्मनिर्भर होने और जीवित रहने के लिए स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास सुविधाएं प्रदान करने का एक दृष्टिकोण था ताकि वे स्वस्थ और संतुष्ट जीवन जी सकें। सीडीएसएस के दो मुख्य उद्देश्य क्रोमोसोमल विकारों के लिए सभी गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच प्रदान करना और डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों को सशक्त बनाना है।’’
प्रो.जसबिंदर कौर, डायरेक्टर प्रिंसिपल जीएमसीएच, चंडीगढ़ इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे, जबकि डॉ.रवि गुप्ता, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट (जीएमसीएच) और डॉ.प्रीति अरुण, ज्वाइंट डायरेक्टर, गर्वनमेंट रीहैबिलिएटेशन इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटीज (ग्रिड) गेस्ट ऑफ ऑनर्स थे।
प्रो.जसबिंदर ने अपने संबोधन में प्रो.बी.एस.चवन की इस पहल की सराहना की। उन्होंने बच्चों को जन्म देने जा रही गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच के महत्व पर भी जोर दिया और सीडीएसएस के लिए अपने पूरे समर्थन और सहयोग का भरोसा दिया। डॉ. रवि गुप्ता ने डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों को हर संभव सहायता प्रदान करने का वादा किया।
सीडीएस से जुड़ी डॉ.प्रीति अरुण ने सीडीडीएस से प्रभावित लोगों को समाज की मुख्यधारा में शामिल किए जाने के संबंध में किए जा रहे प्रयासों और उपायों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि ग्रिड में डीएस से प्रभावित लोगों को क्लीनिकल, एजुकेशनल और वोकेशनल सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। डीएस सिंड्रोम वाले लोगों के लिए एक विशेष समर्पित क्लिनिक भी पिछले दो वर्षों से संचालित किया जा रहा है।
अपनी स्थापना के बाद से हर साल सीडीएसएस डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न गतिविधियों और सेवाओं का आयोजन करता रहा है। सीडीएसएस के बैनर तले अभिभावक विभिन्न कार्यक्रमों, नियमित स्वास्थ्य शिविरों, प्रेरक वार्ता, यूटी सरकार के अधिकारियों के साथ डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों की बातचीत, कार्निवाल, कार्यशालाओं और अन्य समय गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। माता-पिता अपनी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से सीडीएसएस में शामिल हो सकते हैं। यहां डाउन सिंड्रोम वाले अपने बच्चों से संबंधित माता-पिता के प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है और परिवारों को एक सहायता प्रणाली प्रदान की जाती है ताकि वे अपने बच्चों को हमारे समाज के आत्म-स्थायी और सम्मानजनक सदस्य बना सकें।
मुख्यातिथि ने जीएमसीएच के पदाधिकारी, चुनाव आयोग के सदस्य और सेवाएं प्रदान कर रहे अन्य डॉक्टरों को भी सम्मानित किया। डॉ. वसीम अहमद, सचिव, सीडीएसएस द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया।
इस अवसर पर डाउन सिंड्रोम से प्रभावित एक व्यक्ति अर्शनूरदीप सिंह ने सीडीएसएस को उन्हें और उनके जैसे अन्य बच्चों को प्रोत्साहित करने और उन्हें अपनी जिंदगी जीने में सक्षम बनने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया।
एक डाउन सिंड्रोम बच्चे की माता सुनीता पुरंग ने कहा कि वह शुरू में बहुत परेशान थी, लेकिन सीडीएसएस ने न केवल मुफ्त इलाज की पेशकश की बल्कि डाउन सिंड्रोम से प्रभावित अन्य बच्चों के माता-पिता के साथ जुडऩे में भी बहुत मदद की है। माता-पिता के रूप में हम चाहते हैं कि हमारे बच्चों को रोजगार देकर उन्हें पुनर्वासित किया जाए ताकि वे स्वतंत्र होकर अपनी जिंदगी जी सकें।