कैंथ के पिता देहांत के बाद बीजेपी का उनके खिलाफ प्रदर्शन करना बीजेपी की छोटी मानसिकता: हरमेल केसरी

कैंथ के पिता देहांत के बाद बीजेपी का उनके खिलाफ प्रदर्शन करना बीजेपी की छोटी मानसिकता: हरमेल केसरी
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चंडीगढ़, 28 मार्च। बीजेपी की छोटी मानसिकता को दर्शाता है कि ये लोग चंडीगढ़ के लोगों को किस कदर बेफकूफ बना बीजेपी द्वारा रविवार को वार्ड-11 के कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ का विरोद्ध करते हुए जो आरोप लगाए है कि वो अपने वार्ड से लापता हो गए है यह सरासर बीजेपी की छोटी मानसिकता को दर्शाता है कि ये लोग चंडीगढ़ के लोगों को किस कदर बेफकूफ बना रहे है।
चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता हरमेल केसरी ने जारी एक बयान में बताया कि सभी को भली भांति मालूम है कि 26 फ़रवरी 2021 को कैंथ के पिता जी का देहांत हो गया था और उससे पूर्व सतीश कैंथ उनके इलाज में लगे थे, जो एक बेटे का धर्म होता है। जिसके कारण वो अपने पिता जी के सभी क्रियाक्रम की रीतों को निभा रहे थे। जिसके बाद भी वह अपने वार्ड के सामुदायिक केंद्र सेक्टर 56 में जाते रहते थे।
कांग्रेस पार्टी इसके विपरीत चाहे बीजेपी, कांग्रेस, बसपा या दूसरे राजनीतिक पार्टी के सदस्यों के साथ सहानुभूति निभाते हुए काम करती है। कांग्रेस ने जब सड़कों पर उतर कर पानी के बड़े हुए रेटों के खिलाफ अध्यक्ष सुभाष चावला, ब्लॉक की टीमों के नेतृत्व में बीजेपी के पार्षदों के घर का घेरोव कर उनकी असफ़लतायों का मांग पत्र शुरू किया था जिसके चलते बीजेपी ने घबरा कर शहर में प्रजातंत्र को मार कर कांग्रेस के वर्करो पर लाठी चार्ज, पानी की बौछारें की और कई अनिंदनीय काम किये।
उसी बीच बीजेपी के पार्षद भारत कुमार, जगतार सिंह जग्गा इत्यादि के परिजनों की मौत की खबर सुनते ही रामदरबार और मनीमाजरा में घेराव को स्थगित कर दूसरे वार्डों को पहले चुना। यह मानसिकता में फर्क है। बीजेपी परिवार के सदस्यों की मौत को मौका/ बहाना बना राजनीति करती है। यही दूसरी और बीजेपी के अध्यक्ष अरुण सूद नगर निगम में अपने पिता जी की बीमारी का बहाना बना कर चीख चीख कर कह रहे थे कि कांग्रेस गलत कर रही है। अरुण सूद कोविड का बहाना बना कर अपने वार्ड से 2 महीने घर से नहीं निकले। लोग फार्मो पर साइन करवाने के लिए दूसरे पार्षदों के घरों के चक्कर काटते रहे, परेशान होते रहे।
इससे भी गम्भीर भाजपा सांसद किरण खेर भी पिछले डेढ़ साल से कोविड का बहाना बना कर गायब है। जबकि कोरोना लोकडाऊन चंड़ीगढ़ में खत्म हो चुका है। किरण खेर के गुमशुदगी के पोस्टर सारे चंडीगढ़ में लगे और लोगों ने आवाज उठाई की मैडम इस्तीफा दे। आज भी मैडम चंडीगढ़ से लापता है। यह बात करते हैं एक वार्ड के पार्षद की जो पिछले 4.5 साल में 10 किलोमीटर जाकर लोगों के बीच में निरंतर दुख सुख में साथ है। वार्ड के विकास के काम कर रहे है।
आज इनको हमसे नहीं अपनी सांसद किरण खेर के घर का घेराव कर पूछना चाहिए कि वह कहां गायब है। नहीं तो कांग्रेस को ऐसा न करना पड़े कि उनको ढूंढने दिल्ली, बॉम्बे जाने की तैयारी जल्दी करने पड़े।

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