चंडीगढ़, 6 नवंबर। विश्वकर्मा पूजा का पावन पर्व हर साल मनाया जाता है जब सूर्यदेव सिंह राशि से कन्या राशि मंक प्रवेश करते हैं, इसलिए इस दिन को कन्या संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है। आज रामदरबार फेस-2 विश्वकर्मा मंदिर में विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। इसमें हर वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर मंदिरों की विशेष तौर पर सजावट की गई और इस अवसर पर खास पूजा-अर्चना का भी आयोजन किया गया और विधि अनुसार मंदिर के श्रेष्ठ पुरोहित द्वारा हवन भी कराया गया। इस मौके पर पंजाब चंडीगढ़ बीजेपी संगठन मंत्री दिनेश कुमार भी मौजूद रहे।
विश्वकर्मा दिवस के बारे में टीम से बात करते हुए मंदिर के श्रेष्ठ पुरोहित ने बताया की भगवान विश्वकर्मा ने ही विष्णु जी का सुदर्शन चक्र, शिव जी का त्रिशूल, भगवान कृष्ण की द्वारिका नगरी, पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज, सोने की लंका बनाई थी। लंका में सोने के महतल का निर्माण शिव जी के लिए भी इन्होंने ही किया था
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा देवताओं के शिल्पकार और वास्तुकार थे। उन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है। इस दिन उद्योग-फैक्ट्रियों की मशीनों समेत सभी तरह की मशीनों की पूजा की जाती है।
भगवान विश्कर्मा ही ऐसे देवता हैं, जो हर काल में सृजन के देवता रहे हैं। सम्पूर्ण सृष्टि में जो भी चीजें सृजनात्मक हैं, जिनसे जीवन संचालित होता है वह सब भगवान विश्कर्मा की देन है. भगवान विश्कर्मा की पूजा कर उन्हें सृजन के लिए धन्यवाद दिया जाता है।
भगवान विश्कर्मा की पूजा से व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है और आने वाली सभी समस्याएं और रुकावटें दूर होती हैं। कहा जाता है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन कल कारखानों में पूजा करने से कारोबार बढ़ता है और कभी आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। इस मौके पर पंडित बुचन दूबे, बाबा, पूर्व चेयरमैन रेडी फ्रिज यूनियन के मनोज कुमार पवार सहित कई गनमान्य लोग उपस्थित थे।