तृप्त बाजवा ने अच्छे शासन, सामाजिक समावेश, महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास में पीआरआईज़ की भूमिका की करी सराहना

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चंडीगढ़ /एस.ए.एस.नगर, 23 दिसंबर। पंचायतों को विकास योजनाओं संबंधी जागरूक करने के मंतव्य से पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने आज ‘ग्राम पंचायत विकास योजना को स्थायी विकास लक्ष्यों के साथ जोड़ना’ नामी प्रशिक्षण मैनुअल लांच किया।
विकास भवन मोहाली में हुए एक समागम में बाजवा ने कहा कि प्रशिक्षण मैनुअल एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) कोआर्डीनेशन सैंटर, योजना विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के प्रांतीय संस्थान, पंजाब सरकार की तरफ से सांझा तौर पर तैयार किया गया है। इस प्रशिक्षण मैनुअल का मकसद स्थायी विकास लक्ष्यों के फ्रेमवर्क में उनकी सम्बन्धित ग्राम पंचायतों के लिए एक समावेशी और संपूर्ण विकास योजना विकसित करने के लिए पीआरआई सदस्यों के सामर्थ्य को और मज़बूत करना है।
एसडीजीसीसी और एसआईआरडी एंड पीआर के यत्नों की सराहना करते हुये कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह मैनुअल यकीनी तौर पर एक मार्गदर्शक दस्तावेज़ होगा और विकास योजनाओं में स्थायी विकास लक्ष्यों को एकीकृत करने के लिए पीआरआई सदस्यों के योजनाबद्ध और स्थायी सामर्थ्य निर्माण में मदद करेगा। उन्होंने पंचायत सदस्यों को सुशासन, सामाजिक समावेश, महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास के लिए काम करने की अपील भी की।
उन्होंने यह भी कहा कि स्थायी विकास लक्ष्यों के लागूकरण और प्राप्ति के लिए ग्राम पंचायतें पंचायती राज की सबसे उचित और प्रभावशाली एजेंसियां हैं।
श्री बाजवा ने आगे कहा कि स्थायी विकास लक्ष्यों के लागूकरण के लिए पंजाब सरकार ने यूएनडीपी के सहयोग से राज्य स्तर पर योजनाबंदी विभाग के नेतृत्व अधीन एसडीजी कोआर्डिनेशन सेंटर (एसडीजीसीसी) स्थापित किये हैं। एसडीजीसीसी एसडीजी फ्रेमवर्क के लागूकरण और सफलता के लिए सम्बन्धित सरकारी विभागों, तकनीकी एजेंसियों, संयुक्त रास्ट्र की एजेंसियों, सिवल सोसायटी संगठन और अकादमिक संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है जिससे राज्य सरकार की पहलकदमी को अपेक्षित बढ़ावा दिया जा सके।
इस मौके संबोधन करते हुये योजनाबंदी विभाग के प्रमुख सचिव राज कमल चौधरी ने कहा कि पंचायतें ज़मीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए राष्ट्रीय और राज्य के महत्वपूर्ण विषयों पर प्रमुख स्कीमों को प्रभावी और कुशलता से लागूकरण में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्थायी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पीआरआई के नुमायंदों को ज़मीनी स्तर पर एकजुट और केंद्रित ढंग से काम करना चाहिए।
इससे पहले ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के सचिव राहुल भंडारी ने नुमायंदों का स्वागत करते हुये कहा कि यह मैनुअल राज्य में स्थायी विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक मील पत्थर साबित होगा और यह यकीनी तौर पर पीआरआई सदस्यों को स्थायी विकास लक्ष्यों को एकीकृत करके जीपीडीपीज़ विकसित करने में मदद करेगा जो कि समय की ज़रूरत है। उन्होंने आगे कहा कि ज़मीनी स्तर पर भाईचारे की सक्रिय शमूलियत के द्वारा स्थायी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार को इसकी तरफ ध्यान देने की ज़रूरत है।
इस प्रोग्राम की समाप्ति ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के डायरैक्टर मनप्रीत सिंह के धन्यवाद से हुई। इस दौरान पीआरआई मैंबर, बीडीपीओज़, योजनाबंदी विभाग, एसडीजी कोआर्डीनेशन केंद्र, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के कर्मचारी शामिल हुए। इसके इलावा राज्य भर से पी.आर.आई. मेंबर वर्चुअल तौर पर शामिल हुए।

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