कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को गोद लेगी सरकार: डॉ. चौहान

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पंचकूला, 21 मई। कोरोना ने न सिर्फ आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि बच्चों पर भी खासा दुष्प्रभाव डाला है। एक तरफ जहां लंबे समय तक घरों में कैद रहने के कारण बच्चों की मानसिक स्थिति पर असर पड़ा है, वहीं दूसरी ओर कई ऐसे बच्चे भी हैं जिन्होंने इस बीमारी में अपने माता-पिता और पूरे परिवार को खो दिया है। गरीब व जरूरतमंद बच्चों को बेहतर भविष्य और अनाथ बच्चों को सहारा देने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर है। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद उन सभी बेसहारा बच्चों को गोद लेगा जो कोरोना के कारण अनाथ हो गए हैं।
यह जानकारी हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने रेडियो ग्रामोदय के वेकअप करनाल कार्यक्रम में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव प्रवीण अत्री के साथ परिषद के कार्यों पर चर्चा के दौरान दी। उन्होंने कहा कि कोरोना से बच्चों में उपजे तनाव के कारण उनका विकास बाधित न हो, इसके लिए सरकार की विभिन्न संस्थाएं प्रयासरत हैं और हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद भी उनमें से एक है।
परिषद के कार्यों एवं गतिविधियों के संबंध में डॉ. चौहान द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रवीण अत्री ने बताया कि बाल कल्याण परिषद गरीब व जरूरतमंद बच्चों के पालन-पोषण एवं विकास के लिए प्रयासरत है। बच्चों के कल्याण के लिए परिषद बाल भवनों के माध्यम से कई गतिविधियां संचालित करता है। उन्होंने कहा कि परिषद का मकसद गरीब बच्चों को पढ़ा-लिखा कर उन्हें एक अच्छा नागरिक बनने में मदद करना और हर बच्चे के चेहरे पर खुशी लाना है। अनाथ और बेसहारा बच्चों के पालन-पोषण के लिए प्रदेशभर के जिलों में शिशु गृह बनवाए गए हैं जिनमें बच्चों की काउंसलिंग भी की जाती है।
प्रवीण अत्री ने बताया कि कोरोना के संकट काल में बच्चों को मानसिक तनाव से उबारने के लिए बाल भवन की ओर से गत 17 मई से ऑनलाइन ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस ग्रीष्मकालीन शिविर के दौरान बच्चों की विभिन्न प्रतिस्पर्धाएं आयोजित होंगी जिन्हें चार आयु वर्ग में बांटा गया है। इन स्पर्धाओं में कुल 36 गतिविधियों को शामिल किया गया है जैसे नृत्य, संगीत, योग, चित्रकारी आदि।
शिविर में भाग लेने के लिए परिषद की ओर से एक पोर्टल का लिंक www.childwelfareharyana.com जारी किया गया है जिसके माध्यम से बच्चे जिला स्तर पर अपना नामांकन करवा सकते हैं। शिविर के दौरान बच्चों को विभिन्न गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके बाद उन्हें अपना वीडियो तैयार कर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। प्रतियोगिता के अंत में विजेता बच्चों के नाम की घोषणा होगी और उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा।
डॉ. चौहान ने पूछा कि बच्चों की इतने बड़े स्तर पर प्रतिभागिता सुनिश्चित करने के लिए परिषद की ओर से क्या-क्या प्रयास किए गए हैं? इस पर प्रवीण अत्री ने बताया कि प्रदेशभर में डिवीजन एवं जिला स्तर के अधिकारियों को टारगेट दिए गए हैं और जिला शिक्षा अधिकारियों एवं डॉक्टरों की वीडियो भी इसमें डाली गई है। इस कार्य में जिलों में मौजूद अटल सेवा केंद्रों की भी मदद ली जा रही है।

हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दें सूचना:

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव प्रवीण अत्री ने बताया कि परिषद सभी बेसहारा बच्चों और खासकर कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को गोद लेगा। राज्य के शिशु गृहों मैं ऐसे बच्चों के पालन-पोषण के लिए प्रावधान भी कर दिए गए हैं जहां उनके रहने और खाने-पीने का इंतजाम किया गया है। हेल्पलाइन नंबर 1098 पर ऐसे बच्चों के बारे में जानकारी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों की देखरेख करने के लिए बाल भवनों के पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन मौजूद हैं।

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