चंडीगढ़, 05 अप्रैल। सीटू, किसान सभा, खेत मजदूर की तरफ़ से दिल्ली में की गई संघर्ष महारैली मे में ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लॉइज फेडरेशन के आह्वान पर फेडरेशन ऑफ यूटी एंप्लॉयड वर्कर्स, चंडीगढ़, पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन (वैज्ञानिक ) समेत देश भर के मुलाजिम ने भी रामलीला ग्राउंड, दिल्ली में इस विरोध रैली में बड़े पैमाने पर भाग लिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष, सुभाष लांबा ने देश भर में मुलाजिम मारू नीतियों को रद्द करने, 60 लाख रिक्त पदों को भरने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने और पुरानी पेंशन बहाल करने, आठवां वेतन आयोग का गठन करने वाले कर्मचारियों के मुद्दे इस लोक कचहरी में रखे। राष्ट्रीय सचिव गोपाल जोशी, एनडी तिवाड़ी ने कहा कि इस महारैली मे मोदी सरकार को सार्वजनिक सेवाओं और सार्वजनिक क्षेत्र का बड़े पैमाने पर निजीकरण रद्द करने, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन को रद्द करने, श्रम कानूनों सहित बिजली संशोधन विधेयक 2022. निरस्त करने,न्यूनतम वेतन 26000 रुपये प्रति माह, सभी को 10000 रुपये पेंशन, ठेका प्रथा बंद और अग्निपथ योजना को खत्म करने, लगातार बढ़ती महंगाई को अंकुश, खाद्य और आवश्यक वस्तुएं जीएसटी के दायरे से बाहर, पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, गैस पर केंद्र द्वारा लगाए जाने वाले कर को कम करने कृषि फसलों पर एमएसपी और गारंटीकृत ब्याज। देश के सभी नागरिकों के लिए सुरक्षा और नौकरी की व्यवस्था, मनरेगा का विस्तार और न्यूनतम दैनिक मजदूरी 600 रुपये तथा आय के दायरे बाहर के सभी परिवारों के लिए भोजन और रोजगार भत्ता. सबके लिए स्वास्थ्य और शिक्षा का प्रावधान, नई शिक्षा नीति 2020 को रद्द किया करने ,देश के सभी परिवारों के लिए आवास योजना जिसमें बहुत अमीर लोगों पर टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स और संपत्ति कर की मांग की गई थी. इस मौके पर यूटी फेडरेशन के अध्यक्ष रघबीर चंद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजिंदर कटोच, सुनील कुमार नगिंदर कुमार, दिनेश प्रसाद, राम आधार, लखविंदर सिंह लाडी, सरकारी पेंशनर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह गागरा, महासचिव मायाधारी सहित बड़ी संख्या में पंजाब के लोग शामिल हुए. कर्मचारी पेंशनर शामिल हुए। यह जानकारी जारी एक विज्ञप्ति में दी गई।