दसवीं व बारहवीं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन इस बार सीसीटीवी कमरों की देख-रेख में किया जाएगा

दसवीं व बारहवीं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन इस बार सीसीटीवी कमरों की देख-रेख में किया जाएगा
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चंडीगढ़, 28 अप्रैल। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दसवीं व बारहवीं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन इस बार सीसीटीवी कमरों की देख-रेख में किया जाएगा। प्रत्येक मूल्यांकन केन्द्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। आज से शुरू हुए मूल्यांकन कार्य को बोर्ड के अधिकारी मुख्यालय पर लाइव देख रहे हैं। किस केन्द्र पर किस तरह मार्किंग की जा रही है, पूरे अध्यापक उपस्थित हैं या नहीं ? ये जानकारी सीसीटीवी के माध्यम से प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि अंकन केन्द्रों की निगरानी/निरक्षण हेतु जिला स्तर पर विशेष उडऩदस्तों का गठन किया गया है। मूल्यांकन में बच्चों के भविष्य के साथ कतई खिलवाड़ नहीं होगा।
बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया कि इस बार बोर्ड ने प्रदेशभर में दसवीं परीक्षा के 70 व बारहवीं परीक्षा के 39 मूल्यांकन केन्द्र बनाए हैं।  28 अप्रैल से 20 मई तक 18 कार्यदिवसों में इस मूल्यांकन कार्य का समापन किया जाएगा। दसवीं कक्षा के लिए 8083 अध्यापक व बारहवीं के लिए 5096 प्राध्यापक मूल्यांकन कार्य के लिए नियुक्त किए गए हैं। सैकेण्डरी व सीनियर सैकेण्डरी(शैक्षिक/मुक्त विद्यालय) मार्च-2022 की परीक्षा का परिणाम जून माह के दूसरे सप्ताह में घोषित कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर बोर्ड ने एक विशेष प्रणाली को अपनाते हुए मूल्यांकन से पूर्व मूल्यांकन केन्द्रों पर प्रथम दिन मॉक मार्किंग टेस्ट किया गया। मॉक टेस्ट में प्रत्येक कोड की चार-चार उत्तरपुस्तिकाओं की परीक्षकों से जांच करवाते हुए सभी परीक्षकों द्वारा दिए गए अंकों का अनुपात निकाल कर ही अंक दिए जाए। उन्होंने कहा कि अंकन कार्य मॉक मार्किंग टेस्ट नियमानुसार व जारी हिदायतों अनुसार करवाया जाए। इन कॉपियों के मूल्यांकन के बाद सबने एक साथ बैठकर इन समस्त कॉपियों का विश्लेषण किया। बोर्ड प्रवक्ता ने कहा कि इस खाके के विश्लेषण से ये होगा कि इन कॉपियों में किसने इस प्रश्र के कितने नंबर दिए और क्यों दिए? जिससे बच्चों के हित को देखते हुए बोर्ड ने इस बार ये प्रणाली अपनाई है। कई बार ऐसा होता है कि एक कॉपी में परीक्षक 60 अंक दे देता है तो उसी कॉपी की चेकिंग पर दूसरा परीक्षक 70 अंक दे देता है। इस स्थिति में बोर्ड को कॉपी का पुर्नमूल्यांकन कराना पड़ता है। इस सिस्टम से बच्चे का नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर सभी मूल्यांकन केन्द्रों का औचक निरीक्षण भी किया जायेगा।

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