266 स्वास्थ्य वर्करों की भर्ती से ग्रामीण स्वास्थ्य को मिला बढ़ावा

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चंडीगढ़, 23 दिसंबर। पंजाब के उप मुख्यमंत्री ओ. पी. सोनी, जिनके पास स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का चार्ज भी है, ने चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी निवास पर नव-नियुक्त मल्टीपर्पज़ स्वास्थ्य वर्करों (महिला) को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस मौके पर राज कमल चौधरी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, डॉ. अन्देश कौर, डायरेक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और डॉ. ओ.पी. गोजरा, डायरेक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) भी उपस्थित थे।
ज़िक्रयोग्य है कि सरकार ने मल्टीपर्पज़ स्वास्थ्य वर्कर (महिला) के 600 पद प्रकाशित किये थे और पहले पड़ाव में 225 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे और आज के समागम में 266 और उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे और बाकी उम्मीदवारों को भी आने वाले दिनों में भर्ती किया जायेगा। आज के समागम में छह स्टाफ नर्सों को नियुक्ति के हुक्म भी दिए गए।
नये भर्ती हुए उम्मीदवारों को संबोधन करते हुये सोनी ने उनको ईमानदारी और लगन से काम करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि उनकी नौकरी में आम लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना शामिल है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इन नयी नियुक्तियों का चयन लिखित परीक्षा के द्वारा पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से किया गया है।
नये चुने गए उम्मीदवारों और उनके परिवारों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि ‘रोज़गार प्राप्त करना किसी के भी जीवन में एक न भूलने वाला पल होता है और सरकार उम्मीद करती है कि सभी नये स्वास्थ्य वर्कर ख़ास कर इस महामारी के दौर में आम लोगों की कल्याण के लिए काम करेंगे।’
सोनी ने कहा, ‘पंजाब सरकार कोविड-19 के इस दौर को बहुत सावधानी से निपट रही है और यह सब स्वास्थ्य कर्मचारियों की चौबीस घंटे सेवाओं के कारण ही हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार की ‘घर-घर रोज़गार योजना’ के अंतर्गत हम बड़ी संख्या में मैडीकल और पैरा-मैडीकल स्टाफ की भर्ती करके अपनी स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार किया है और यहां तक कि 800 से अधिक रेगुलर वार्ड अटैंडैंटों की चयन प्रक्रिया भी मुकम्मल होने के नज़दीक है।
ज़मीनी स्तर पर काम के आधार पर इनसैंटिव लेने वाली आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कामगार) को नियमित नौकरियाँ प्रदान करने के लिए पंजाब सरकार की पहलकदमी संबंधी खुलासा करते हुए श्री सोनी ने बताया कि आशा वर्करों को इन पदों में 10 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ आयु में छूट भी दी गई थी। अपेक्षित योग्यता रखने वाली आशा ने लिखित परीक्षा में भाग लिया और मेरिट के आधार पर 46 आशा वर्करों को भी स्वास्थ्य वर्कर के तौर पर रेगुलर नियुक्तियां दीं गई।

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