चंडीगढ़, 21 दिसंबर। राज्य सरकार से अपनी सेवाएं रेगुलर करने की मांग को लेकर मंगलवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंजाब के कर्मियों द्वारा जिला बठिंडा में विशाल रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में पंजाब के सभी जिलों से बड़ी संख्या में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मुलाजिम शामिल हुए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंजाब के डॉ. इंद्रजीत सिंह राणा ने जारी एक बयान में बताया कि आज सुबह से ही भिन्न-भिन्न जिलों से मुलाजिमों का समूह हाथों में बैनर, झंडीयां, तख्तियां लिए हुए राज्य सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए बठिंडा जिले के सिविल अस्पताल में इकट्ठा होना शुरू हो गए। मुलाजिमों में राज्य सरकार के अतिरिक्त राज्य के वित्त मंत्री स. मनप्रीत बादल के खिलाफ विशेष रोष था। भारी गिनती में मुलाजिमों ने सिविल अस्पताल बठिंडा से रोष रैली निकाली। लगभग 5000 मुलाजिमों का यह समूह ढाई किलो मीटर लंबी कतार के रूप में पहले बस स्टैंड फिर फौजी चौक हनुमान चौक से होता हुआ वित्त मंत्री के दफ्तर तक पहुंच गया।
वहां पहुंचकर मुलाजिमों ने वित्त मंत्री व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अपने रोष एवं सरकार की शोषण की नीतियों को उजागर करने के लिए मुलाजिमों ने नारे लिखकर हवा में गैस के गुब्बारे छोड़े। इसके बाद मुलाजिमों ने खाली पीपे बजाते हुए आने जाने वाले राहगीरों को यह बताने की कोशिश की कि मौजूदा सरकार का हाल इन खाली पीपों जैसा है जिसका शोर तो बहुत है लेकिन अंदर से यह बिल्कुल खाली है। यह सरकार केवल घोषणा मात्र करने के लायक है। इस दौरान मुलाजिमों के समूह को संबोधित करते हुए एन आर एच एम इंप्लाइज एसोसिएशन पंजाब के राज्य प्रधान व एनएचएम कोर कमेटी से डॉ. इंद्रजीत सिंह राणा ने कहा की वित्त मंत्री को राज्य के वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाले हुए आज लगभग 10 वर्ष होने को आए हैं। चुनावों से ठीक पहले पिछली सरकार ने भी राज्य में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे मुलाजिमों को रेगुलर करने का शगुफा छोड़कर मुलाजिमों का वोट बैंक लेने की कोशिश की थी; मौजूदा सरकार भी यही कर रही है। जहां जगह-जगह पर राज्य के 36000 मुलाजिमों को राज्य सरकार द्वारा रेगुलर करने के बड़े-बड़े बोर्ड लगे हुए हैं वहां लोगों को यह बता देना बहुत जरूरी है कि वोट बैंक लेने के लिए यह सब मात्र एक दिखावा है।
सच्चाई यह है कि अभी तक किसी भी विभाग के एक भी मुलाजिम को रेगुलर नहीं किया गया है. पिछले 10 वर्षों से वित्त मंत्री कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे मुलाजिमों के उज्जवल भविष्य की राह में रोड़ा बने हुए हैं। वित्त मंत्री के खिलाफ अपना रोष व्यक्त करते हुए एनएचएम यूनियन पंजाब के प्रधान व एनएचएम कोर कमेटी के अन्य सदस्य गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा की मौजूदा वित्त मंत्री के समय में पिछले 10 वर्षों में राज्य में किसी विभाग में कोई विकास नहीं हुआ है; उल्टा पूरा राज्य कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है और इसका हर्जाना कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे मुलाजिमों को भुगतना पड़ रहा है। ना केवल कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मी बल्कि रेगुलर मुलाजिमों के भी कई तरह के भत्ते वर्तमान सरकार द्वारा बंद कर दिए गए हैं जोकि सरकार द्वारा शोषण को प्रदर्शित करते हैं। एनएचएम जिला बठिंडा के मुखी नरेंद्र कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री चन्नी अभी तक केवल एलान मंत्री साबित हुए हैं जमीनी तौर पर उनके द्वारा मुलाजिमों के लिए कुछ नहीं किया गया है। हालात यह है कि मुख्यमंत्री वित्त मंत्री का हवाला देकर व वित्त मंत्री मुख्यमंत्री का हवाला देकर मुलाजिमों का समय जाया कर रहे हैं एवं चुनाव आचार संहिता के लग जाने का इंतजार कर रहे हैं ताकि मुलाजिमों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से यह बच सकें. एनएचएम कोर कमेटी के अन्य सदस्यों सुखजीत सिंह कंबोज, मनिंदर सिंह, जसविंदर कौर, अमरजीत सिंह, रमनप्रीत कौर, डॉ जितेंद्र सिंह, डॉ वाहिद मोहम्मद, जगदेव, डॉ योगेश सचदेवा आदि का कहना है कि यदि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मियों को रेगुलर ना किया तो चुनाव आचार संहिता के दौरान भी यह मुलाजिम घर घर जाकर सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ राज्य के लोगों को सचेत करने की मुहिम चलाएंगे।