चंडीगढ़, 15 दिसम्बर। राष्ट्रीय बजट का 10 से 15 प्रतिशत युवाओं ख़ास तौर पर खिलाडिय़ों पर ख़र्च करने पर ज़ोर देते हुए पंजाब के खेल मंत्री परगट सिंह ने कहा कि मानव संसाधन पर पैसा ख़र्च करने से आपको स्वास्थ्य सेवाओं पर ज़्यादा पैसा ख़र्च करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
यहाँ मैगसीपा में पंजाब के 3309 खिलाडिय़ों और 10 प्रशिक्षकों को कुल 11.80 करोड़ रुपए की राशि सौंपने के मौके पर संबोधन करते हुए स. परगट सिंह ने कहा कि चीन ने मानव संसाधनों के विकास पर ख़र्च किया, जिस कारण वहाँ के लोगों की पिछले दशकों के दौरान औसतन लंबाई 2.5 इंच बढ़ी है।
खिलाडिय़ों को खेल के क्षेत्र में अन्य उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए खेल मंत्री ने कहा कि पंजाब की खेल नीति में ज़रूरत के मुताबिक बदलाव करने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि इस नीति को समय के अनुकूल बनाया जा रहा है। पंजाब के शारीरिक शिक्षा अध्यापकों को दक्षिणी अफ्रीका के प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण दिलाने की बात कहते हुए स. परगट सिंह ने कहा कि विदेशी प्रशिक्षकों की महारत का लाभ लेने की ज़रूरत है। शिक्षा विभाग एवं खेल विभाग मिलकर खेलों में नई पीढ़ी तैयार करेंगे।
अपनी खेल पृष्ठभूमि का जि़क्र करते हुए परगट सिंह ने खिलाडिय़ों को भी समाज के लिए रोल मॉडल बनने के लिए प्रेरित करते हुए खेल मैदान के अपने अनुभव साझे किए और टीम भावना की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उनकी कोशिश है कि विभिन्न विभागों में 3 प्रतिशत खेल कोटे के अंतर्गत होने वाली भर्ती की जगह इस पूरे खेल कोटे को खेल विभाग के अधीन ही लाया जाए, जिससे यह खिलाड़ी आगे और खिलाड़ी तैयार कर भारत को दुनिया के खेल जगत का केंद्र बनाने में कोई कसर बाकी ना छोड़ें।
इससे पहले स्वागती शब्द बोलते हुए खेल विभाग के डायरैक्टर परमिन्दर पाल सिंह संधू ने कहा कि कुल 11.80 करोड़ रुपए की राशि में से 3309 खिलाडिय़ों को 9.37 करोड़ रुपए और 10 प्रशिक्षकों को 2.43 करोड़ रुपए दिए गए। इनमें 1298 खिलाडिय़ों को वर्ष 2018-19 के लिए 4.84 करोड़ (4,84,30,000) रुपए और 2011 खिलाडिय़ों को 4.49 करोड़ (4,49,96,000) रुपए दिए गए।
आज के समारोह में खेल मंत्री परगट सिंह ने सांकेतिक तौर पर 10 प्रशिक्षकों और 14 खिलाडिय़ों को चैक सौंपे, जबकि बाकी सभी खिलाडिय़ों के खातों में डी.बी.टी. के द्वारा राशि डाल दी गई। 10 प्रशिक्षकों में से द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महेन्दर सिंह ढिल्लों और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता सुखदेव सिंह पन्नू को 40-40 लाख रुपए, बैडमिंटन प्रशिक्षक विजयदीप सिंह को 30 लाख रुपए, ओलम्पियन वेट लिफ्टिंग प्रशिक्षक सन्दीप कुमार को 28 लाख रुपए, बैडमिंटन प्रशिक्षक सुरेश कुमार और एथलैटिक्स प्रशिक्षक हरमिन्दर पाल सिंह को 20-20 लाख रपए, हॉकी प्रशिक्षक अवतार सिंह, गुरदेव सिंह और युधविन्दर सिंह को 16.66-16.66 लाख रुपए और एथलेटिक्स प्रशिक्षक जसपाल सिंह को 16 लाख रुपए दिए गए।
14 खिलाडिय़ों में से ओलम्पियन निशानेबाज़ अंजुम मौदगिल को 1.12 करोड़ रुपए, अर्जुन पुरस्कार विजेता निशानेबाज़ गुरप्रीत सिंह को 61 लाख रुपए, बैडमिंटन खिलाड़ी ध्रुव कपिला ने 15 लाख रुपए, तलवारबाज़ी की महिला खिलाड़ी जगमीत कौर को 7 लाख रुपए, ईना अरोड़ा को 6.57 लाख रुपए, वरिन्दर सिंह को 5.30 लाख रुपए, कोमलप्रीत शुक्ला, अनूष्का, एथलीट नवजीत कौर ढिल्लों, एथलीट किरपाल सिंह, जूडोका जसलीन सिंह सैनी, कबड्डी महिला खिलाड़ी हरविन्दर कौर और वॉलीबाल खिलाड़ी रणजीत सिंह को 5-5 लाख रुपए दिए गए।
इससे पहले पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन के सचिव जनरल राजा के.एस. सिद्धू ने कहा कि खिलाड़ी सख़्त मेहनत कर राज्य और देश का नाम रौशन करते हैं, परंतु कई बार खिलाडिय़ों को बनता मान-सम्मान नहीं मिलता, परन्तु पंजाब सरकार बधाई की पात्र है, जिसने आज बड़ी संख्या में खिलाडिय़ों और प्रशिक्षकों को नकद पुरस्कारों से सम्मानित किया है। इससे आने वाले समय में राज्य में खेल समर्थकीय माहौल सृजन किया जाएगा।
इस मौके पर खिलाडिय़ों द्वारा राष्ट्रमंडल खेल की काँस्य पदक विजेता नवजीत कौर ढिल्लों और मैराथन में सैफ खेलों के स्वर्ण पदक विजेता रछपाल सिंह ने अपने मन के जज़्बात साझा करते हुए राज्य सरकार का इस प्रयास के लिए धन्यवाद किया और कहा कि इस प्रयास से उनको आगे आने वाले मुकाबलों में और भी उपलब्धियाँ पाने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
अंत में खेल विभाग के डिप्टी डायरैक्टर किरपाल वीर सिंह ने मुख्य मेहमान और खिलाडिय़ों का धन्यवाद करते हुए कहा कि यदि किसी भी खिलाड़ी का नकद पुरस्कार किसी दस्तावेज़ की कमी के कारण रह गया हो तो वह ज़रुरी दस्तावेज़ विभाग को जमा करवा सकता है।
इस मौके पर हॉकी ओलम्पियन सरदार सिंह, अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी और ओलम्पियन प्रशिक्षक सुखबीर सिंह गरेवाल, अर्जुन पुरस्कार विजेता एथलीट माधुरी सक्सेना भी उपस्थित थे।