चंडीगढ़, 14 दिसंबर। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने आज यहां इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) को हरियाणा में लागू करने के लिए गठित स्टेट लेवल कमेटी की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को एक ऐसा नवीनतम सिस्टम तैयार करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए, जिसके तहत पुलिस द्वारा एकत्रित किये जा रहे एक जिला का सम्पूर्ण डाटा एक ही जगह एकीकृत हो ताकि किसी भी तरह के डाटा को जल्दी और आसानी से एक्सेस करना संभव हो सके। प्रथम चरण में किसी एक जिले में पायलट परियोजना के आधार पर इस सिस्टम को लागू किया जाए।
मुख्य सचिव ने क्त्राइम एंड क्त्रिमिनल्स ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) के तहत हरियाणा पुलिस का देश में प्रथम स्थान होने पर अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रशंसा भी की।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, जो आईसीजेएस के स्टेट नोडल अधिकारी भी हैं, अर्शिन्दर सिंह चावला ने बताया कि हरियाणा में न्याय वितरण प्रणाली में अधिक तेजी लाने और पारदर्शी बनाने के लिए लागू इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) आज से लाइव हो गया है और सभी पाँच हितधारकों जैसे पुलिस, कोर्ट, अभियोजन, फोरेंसिक और जेल के साथ डाटा सांझा किया जा रहा है। इससे क्त्रिमिनल जस्टिस के पाँच स्तंभों को आपस में समन्वय स्थापित करने में आसानी होगी और डेटा की डुप्लीकेसी खत्म हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि कोर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) को आईसीजेएस के साथ पहले ही एकीकृत किया जा चुका है। राज्य में सीएएस और आईसीजेएस के बीच डाटा साझाकरण सफलतापूर्वक हो रहा है। आईसीजेएस का उपयोग करने के लिए पुलिस स्टेशन स्तर तक पर लॉगिन आईडी प्रदान की गई हैं। प्रत्येक जिले/इकाई के 2 कुशल अधिकारियों को आईसीजेएस के उपयोग पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। ये अधिकारी अन्य अधिकारियों को अपने-अपने जिलों/इकाइयों में प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।
अर्शिन्दर सिंह ने बताया कि जेल विभाग द्वारा वर्तमान में उपयोग किये जा रहे सॉफ्टवेयर को आईसीजेएस के साथ एकिकृत किया जा चुका है। इसके अलावा, वर्तमान सॉफ्टवेयर के अलावा नये बनाए गए ई-प्रिजन सॉफ्टवेयर पर माइग्रेट किया जा रहा है। इसी प्रकार, एफएसएल के ट्रेकिया सॉफ्टवेयर और कोर्ट के डाटा को भी आईसीजेएस के साथ एकीकृत किया गया है।
उन्होंने बताया कि आईसीजेएस क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के सभी स्तंभों की डाटा और एनालिटिक्स के आदान-प्रदान का एक सामान्य मंच है, जो हितधारकों जैसे पुलिस, फोरेंसिक, और अभियोजन, न्यायालय, जेल, डब्ल्यूसीडी और फिंगरप्रिंट के बीच सूचना के सहज प्रवाह के लिए काम कर रहा है ताकि वन डेटा वन्स एंट्री के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
अर्शिन्दर सिंह ने बताया कि क्त्राइम एंड क्त्रिमिनल्स ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स प्रोजेक्ट के तहत क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम बनाया गया है, जिसका उद्देश्य देश में सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस, जेलों और अदालतों के डेटाबेस पर एक राष्ट्रव्यापी खोज को सक्षम बनाना है।
उन्होंने बताया कि आईसीजेएस का लक्ष्य इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के विभिन्न हितधारकों के बीच अनेक डेटा एंट्री को कम करके और हितधारकों के बीच रियल टाईम सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए प्रभावी कार्य करना है।
उन्होंने बताया कि आईसीजेएस के तहत प्रत्येक प्रणाली के बीच समन्वय स्थापित करने हेतु हरियाणा में सभी स्तंभों के डेटाबेस को वेब एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के माध्यम से सिंक्त्रॉनाइज़ किया जा चुका है।
बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार विभाग के प्रधान सचिव अनिल मलिक, पुलिस महानिदेशक पी. के. अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।