यूटी पावरमैन ने की विरोध रैली

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चण्डीगढ़, 9 दिसंबर। चण्डीगढ़ के विद्युत कर्मचारियों ने यूटी पावरमैन यूनियन चण्डीगढ़ के बैनर तले वीरवार को बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समवय समिति के आह्वान पर बिजली कार्यालय सेक्टर 19 चण्डीगढ़ के समक्ष एक विरोध रैली आयोजित की।
केंद्र सरकार की निजीकरण की नीति के खिलाफ विरोध रेली निकाली गई और मांग की कि विद्युत संषोधन विधेयक 2021 को वापिस लिया जाए। रैली में विभिन्न उप-मण्डलों के सैकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया। बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों ने भी विरोध में भाग लिया। रैली शुरू करने से पहले कर्मचारियों ने सीडीएस और सेना के अन्य अधिकारियों को श्रद्धांजली दी, जिन्होंने कल हवाई दुर्घटना में जान गवाई थी। सभी कर्मचारियों ने 2 मिन्ट का मौन रखते हुए इसे देश के लिए एक बड़ी क्षति करार दिया। रैली की अध्यक्षता यूनियन के ध्यान सिंह ने की।
रैली को संबोधित करते हुए यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोषी ने सरकार की निजीकरण की नीति की कड़ी आलोचना की, भारत सरकार ने बिजली (संषोधन बिल) 2021 को वापस लेने की मांग की जो कि कर्मचारी विरोधी और जनविरोधी है। उन्होंने भारत सरकार और चण्डीगढ़ प्रषासन से यूटी बिजली विभाग चण्डीढ़ की निजीकरण प्रक्रिया को रोकने की मांग की, जो एक लाभ कमाने वाली इकाई है। उन्होंने कर्मचारियों से 15.12.2021 को जंतर मंतर र्न दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के प्रदर्षन में भाग लेने की अपील की और अपील की कि यदि सरकार विवादित विधेयक के कानून की दिषा में आगे बढ़ती है तो 01.02.2022 को पूर्ण हड़ताल की जायेगी।
यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष उमरीक सिंह ने प्रदर्षनकारियों को संबेाधित करते हुए चण्डीगढ़ प्रषासन विषेषकर इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों पर जमकर निषाना साधा और कहा कि विभाग ने निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करते हुए सीधी भर्ती की प्रक्रिया को रोक दिया और अब कर्मचारियों की पदोन्नतिपर रोक लगा दी है, जो कि अनुचित और नियमों और विनियमों के खिलाफ और भेदभावपूर्ण भी है। उन्होंने आउटसोर्स श्रमिकों के शोषण के अपने कदम के लिए प्रषासन को दोषी ठहराया औरक हा कि प्रषासन ठेकेदारों के हाथों अनुबंध श्रमिकों का शोषण रोकने में बुरी तरह विफल है, जो कम वेतन वाले श्रमिकों से बड़ी राषि की मांग कर रहे है, लेकिन ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय वे मूक दर्शक बने हुए हैं।
विरोध रैली को श्रीराम सरूप, उजागर सिंह मोही, सुच्चा सिंह (पैंशनर्स एसोसिऐशन) के अलावा पान सिंह, कष्मीर सिंह, सुखविंदर सिंह, स्वर्ण सिंह, रेषम सिंह, हरजिंदर सिंह, अमित ढींगरा, नरिंदर चौधरी, ललित सिंह, राजिंदर ठाकुर और यूनियन के अन्य नेताओं ने संबोधित करते हुए सरकार से मांग की कि संसद में रखने से पहले कर्मचारियों और उपभोक्ताओं और अन्य हितधारकों के अवलोकन के लिए बिजली बिल को ऊर्जा पर स्थायी समिति को संदर्भ्ज्ञित किया जाये।

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