मांगों की अनदेखी को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंजाब के कर्मचारियों ने राष्ट्रीय राजमार्गों को किया जाम

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चंडीगढ़, 7 दिसंबर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंजाब के कर्मचारियों का अपनी सेवाओं को नियमित करने का संघर्ष आज आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है। धीरे-धीरे इन कर्मचारियों तक आम जनता की सहानुभूति भी पहुंचने लगी है। अपने संघर्ष को तेज करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों ने मंगलवार दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक पूरे पंजाब में राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों को दो घंटे के लिए अवरुद्ध कर दिया।
इस अवसर पर बोलते हुए एन.आर.एच.एम. इंप्लाइज एसोसिएशन, पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. इंद्रजीत सिंह राणा ने कहा कि पिछले सप्ताह लगभग 5000 कर्मचारियों ने खरड़ में एक रैली की थी और आज कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार को अपनी ताकत दिखा दी है। हालांकि इन प्रदर्शनों में इन कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों सहित राज्य की आम जनता को भी कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा है लेकिन कर्मचारियों के पास सरकार को जगाने का और कोई रास्ता नहीं है। सरकार ने कर्मचारियों द्वारा शुरू किए गए शांतिपूर्ण विरोध को कर्मचारियों की कमजोरी माना जिसने कर्मचारियों को अपना संघर्ष तेज करने के लिए मजबूर किया। कर्मचारियों द्वारा आज विरोध प्रदर्शन के माध्यम से कर्मचारियों ने सरकार को यह बताने की कोशिश की है कि यदि सरकार ने उनके साथ हो रहे अन्याय को दूर करने के लिए समय पर कार्रवाई नहीं की तो आने वाले चुनावों में कर्मचारी राज्य के लोगों को भी अपने संघर्ष में शामिल करके सरकार की पोल खोलेंगे।
आज के इस मिशन को सफल बनाने के लिए डॉ. इंद्रजीत सिंह राणा सहित राज्य कमेटी के सदस्य मनिंदर सिंह, अमरजीत सिंह, अरुण दत्त, जसविंदर कौर, गुरप्रीत भुल्लर, सुखजीत कंबोज, रमनप्रीत कौर, डॉ. वाहिद मोहम्मद डॉ. जतिंदर, जगदेव, डॉ. योगेश सचदेवा आदि ने अलग-अलग जिलों में मोर्चा संभाला कर्मचारी नेताओं का कहना है कि कर्मचारियों की मांग कोई नई बात नहीं है जिसे सरकार पूरा नहीं कर सकती, कई राज्यों में सरकारों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को नियमित कर दिया है। निकटतम राज्य हरियाणा में सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को पूरी तनख्वाह दे रही है।

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