चंडीगढ़, 1 दिसबंर। ख़रीफ सीजन 2021-22 के दौरान पंजाब राज्य में 187.23 लाख मीट्रिक टन धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर निर्विघ्न खरीद की गई है। उक्त प्रगटावा आज यहां भारत भूषण आशु की तरफ से किया गया।
आशु ने बताया कि पंजाब राज्य में तारीख़ 3 अक्तूबर 2021 से धान की खरीद शुरू होकर तारीख़ 30 नवंबर, 2021 को ख़त्म की गई है। इस दौरान राज्य की मंडियों में कुल 188.20 लाख मीट्रिक टन धान की आमद हुई थी जिसमें से समूह खरीद एजेंसियों समेत एफ.सी.आई की तरफ से 187.23 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य रुपए 1960/- प्रति क्विंटल पर की गई है और प्राईवेट व्यापारियों की तरफ केवल 97000 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। इसके साथ ही खरीद किये गए धान की बनती राशि 36257.30 करोड़ रुपए राज्य के 8,20,174 से अधिक किसानों के खाते में ट्रांसफर किये जा चुके हैं। खरीद एजेंसियों की तरफ से ख़रीदे गए धान में से 186.97 लाख मीट्रिक टन धान की लिफ्टिंग की जा चुकी है जो कि 99.88 फीसदी बनती है।
ख़ाद्य मंत्री ने बताया कि सीजन के दौरान मुख्यमंत्री श्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव की रोकथाम और मंडियों में गलट्ट की स्थिति से बचने के लिए पंजाब मंडी बोर्ड की तरफ से खोले गये 1872 रेगुलर खरीद केन्द्रों के इलावा 1237 और योग्य सार्वजनिक स्थानों और राइस मिलों को मंडी यार्ड घोषित किया गया था।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से बहाने से पंजाब राज्य में खरीद कार्य के तय प्रोग्राम को बदलते हुये 10 अक्तूबर, 2021 से खरीद शुरू करने के हुक्म के दिए गए थे जिस पर पंजाब के मुख्यमंत्री श्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस मामले में ख़ुद दख़ल देते हुये प्रधानमंत्री और केंद्रीय ख़ाद्य मंत्री के साथ मुलाकात करके धान की खरीद 03 अक्तूबर, 2021 से शुरू करवाई गई।
आशु ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से जाली बिलिंग और अन्य राज्यों से अनाधिकृत तौर पर आने वाले धान को रोकने के लिए 1500 मुलाजिमों के 150 उड़न दस्ते गठित किये गए थे। इसके इलावा पंजाब राज्य के बार्डरों /बैरियरों पर 93 स्थानों पर नाके स्थापित किये गए थे जिनकी तरफ से इन नाकों और 49135 ट्रक /ट्रालियों को रोक कर चैक किया गया और दूसरे राज्यों से धान की फ़सल ला रहे 30 दोषियों के विरुद्ध पंजाब पुलिस की तरफ से 11 एफ.आई.आर दर्ज पेश की गई और 22 दोषियों को मौके पर गिरफ़्तार किया गया। इस दौरान 21 वाहनों में से लगभग 4695.20 क्विंटल पैडी /चावल था, को ज़ब्त किया गया। इसके अलावा विभाग की सैंट्रल विजीलैंस कमेटी के अधिकारियों की तरफ से भी राज्य में अलग-अलग शैलरों और मंडियों की अचानक चैकिंगें की गई और दोषियों के विरुद्ध 7 और एफ.आई.आर दर्ज करवाई गई। अमृतसर, गुरदासपुर और मानसा जिलों में जाली बिलिंग /अन -अधिकारत पैडी खरीद के अलग अलग मामलों में जांच विजीलैंस विभाग को सौंपी गई है।
आशु ने बताया कि ख़रीफ़ सीजन 2021-22 के दौरान भारत सरकार की तरफ से नयी जुट गट्ठों की की गई कम ऐलोकेशन के सम्मुख राज्य सरकार की तरफ से जुट कमिशनर कोलकत्ता के साथ साथ नेफेड कोलकत्ता और ओपन टैंडर के द्वारा भी नयी जुट गट्ठों का प्रबंध किया गया और सीजन के दौरान गट्ठों की कमी पेश नहीं आने दी गई।
आशु ने कहा कि पूरे ख़रीफ़ सीजन के दौरान किसी भी किसान को 24 घंटे से अधिक समय मंडी में नहीं रहना पड़ा और उनकी फ़सल की खरीद और लिफ्टिंग पंजाब सरकार की तरफ से तय समय सीमा में पूरी की गई परंतु कुछ विरोधी राजनैतिक पार्टियां राजनैतिक फायदे के लिए झूठी बयानबाज़ी का सहारा लेकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश करती रही परंतु मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से किये गए योग्य प्रबंधों के कारण विरोधियों के मंसूबों को सफलता नहीं मिली। उन्होंने इस बड़ी खरीद मुहिम को पूरा करने में लगे राज्य के किसानों, विभाग के अधिकारियों /कर्मचारियों, समूह खरीद एजेंसियों, आढ़तियों, लेबर और ड्राइवरों आदि का भी धन्यवाद किया।