सीबीआई के एक मामले में पनवायर के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक और दो अन्य को मिला दो वर्ष की कठोर कारावास

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नई दिल्ली/चंडीगढ़, 30 नवंबर। सीबीआई मामलो के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी, मोहाली(पंजाब) ने पनवायर के पूर्व कार्यकारी निदेशक वेद प्रकाश, पूर्व सहायक महानिदेशक अशोक जेरथ और पूर्व सांविधिक लेखा परीक्षक एनके भांबरी को दो-दो वर्ष की कठोर कारावास के साथ प्रत्येक पर 7,000 रु. की सजा सुनाई गई है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो नई दिल्ली ने जारी एक विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए बताया है कि सीबीआई ने यह मामला, पनवायर में बड़े पैमाने पर धनराशि के गबन के आरोप पर दायर विशेष अनुमति याचिका संख्या 583/2002 में दिनाँक 09.05.2002 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देश पर दिनाँक 21.10.2002 दर्ज हुआ। तदनुसार, सीबीआई ने मोहाली पुलिस स्टेशन, पंजाब में दर्ज 20 प्राथमिक सूचना रिपोर्ट की जाँच को अपने हाथों में लिया।
यह मामला, मोहाली पुलिस स्टेशन में पूर्व में दर्ज एक प्राथमिक सूचना रिपोर्ट संख्या 236/2001 की प्रतिकृति है। उक्त प्राथमिक सूचना रिपोर्ट में यह आरोप है कि पनवायर के अपने कर्मियों के द्वारा बड़े पैमाने पर की गई धोखाधड़ी और धनराशि के गबन एवं कंपनी के कुप्रन्धन के कारण कंपनी ऋणशोधन (liquidation) में चली गयी।
आगे यह आरोप है कि कार्यकारी निदेशक, वेद प्रकाश, जो कि केवल 2 लाख रु. तक के चेक जारी करने के लिए अधिकृत थे, ने अधिकृत राशि से भी ज्यादा 132.56 करोड़ रु. (लगभग) की धनराशि कंपनी के साखकर्ताओ के पक्ष में चेक जारी किए। चेक जारी करने के दौरान आरोपी कंपनी की बुरी वित्तीय स्थिति से भली भांति परिचित थे और यह भी जानते थे कि इस तरह के चेकों को जारी करने पर कंपनी को भारी वित्तीय देयता के साथ ही चेकों के बाउंस होने की दशा में विभिन्न मुकदमों का सामना करना पड़ेगा।यह भी आरोप है कि 2 लाख रु.के ऊपर का चेक अवैध था और कंपनी पूर्ण रुप से वित्तीय संकट में थी।
जाँच के पश्चात, आरोपियों के विरुद्ध दिनाँक 29.08.2008 को आरोप पत्र दायर हुआ। आरोपियों के विरुद्ध दिनाँक 18.11.2010 को आरोप तय हुए।
विचरण अदालत ने आरोपियों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

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