चण्डीगढ़, 29 नवम्बर। पंजाब सरकार के अनिरुद्ध तिवारी, मुख्य सचिव महोदय ने दिनांक 29 नवम्बर 2021 को हाई पावर कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मुख्य सचिव महोदय ने राज्य में आरआईडीएफ और अन्य रियायती योजनाओं के तहत नाबार्ड द्वारा स्वीकृत ग्रामीण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक का संचालन के.ए.पी. सिन्हा, प्रमुख सचिव, वित्त, पंजाब सरकार द्वारा किया गया। बैठक में प्रशासनिक विभागों के प्रमुख सचिवों, सचिवों और विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों ने भाग लिया। नाबार्ड की टीम का नेतृत्व नाबार्ड पंजाब के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. राजीव सिवाच ने किया।
मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान रुपये 750.00 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले राज्य में आरआईडीएफ के तहत नाबार्ड द्वारा रुपये 823.06 करोड़ के ऋण की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जो पिछले वर्ष की तुलना में 49% अधिक है और वर्तमान वर्ष के स्वीकृति लक्ष्य की तुलना में 109% अधिक है। मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड ने यह भी बताया कि वर्ष के दौरान विविध क्षेत्रों में परियोजनाओं जैसे कि लार्ज सर्फ़ेस आधारित पेयजल परियोजनाओं, अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण, बासी पठाना में अत्याधुनिक डेयरी बुनियादी ढांचे और भंडारण गोदामों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, आरआईडीएफ परियोजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष में राज्य को रुपये 400.04 करोड़ की राशि जारी की गई है।
मुख्य सचिव ने सभी कार्यान्वयन विभागों को 31 जनवरी 2022 तक आरआईडीएफ XXVIII की पाइपलाइन परियोजनाओं को वित्त विभाग में जमा करने की सलाह दी। मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड ने कार्यान्वयन विभागों से निविदा और कार्यान्वयन प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध किया ताकि इन परियोजनाओं से बड़े पैमाने पर लोग लाभान्वित हो सकें।
मुख्य सचिव ने पंजाब राज्य में ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए वित्त विभाग, कार्यान्वयन विभागों और नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की क्योंकि यह समन्वित प्रयास राज्य में महत्वपूर्ण ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देगा।