चंडीगढ़, 28 नवंबर। महात्मा ज्योतिबा फुले भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत थे। उन्होंने जाति व्यवस्था के उन्मूलन, महिलाओं और गरीब वर्ग के लोगों को शिक्षित करने के लिए कार्य किया। यह बात हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि के अवसर पर राज भवन में आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कही।
दत्तात्रेय ने कहा कि ज्योतिबा फुले एक सच्चे राष्ट्रवादी, महान विचारक, जाति विरोधी समाज सुधारक तथा महान लेखक थे। उन्होंने सदैव पिछड़ी जाति, अनुसुचित जाति, गरीब दबे कुचले व वंचित लोगों के कल्याण के लिए कार्य किया । महात्मा फुले ने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर अनुसुचित जाति व पिछड़ी जातियों के लिए समान अधिकार प्राप्त करने के लिए सत्यशोधक समाज का भी गठन किया।
दत्तात्रेय ने कहा कि महात्मा फुले का मानना था कि शिक्षा ही मनुष्य के जीवन को श्रेष्ठ बना सकती है इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने गरीब समाज के लोगों को शिक्षित करने का कार्य किया। सबसे पहले उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले को शिक्षित किया। सावित्री बाई फुले जो भारत की प्रथम महिला अध्यापिका बनी ।
आज की युवा पीढ़ी को ज्योतिबा फुले के संघर्षमयी जीवन से प्रेरणा लेकर गरीब, पिछड़े, वंचित लोगों के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए तथा इन लोगों को शिक्षित करने के लिए आगे आना चाहिए। यही महात्मा ज्योतिबा फुले को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।