पैपसू नगर विकास बोर्ड द्वारा विधवाओं के 45 परिवारों को मालिकाना हक देने की मंजूरी: अरुणा चौधरी

पैपसू नगर विकास बोर्ड द्वारा विधवाओं के 45 परिवारों को मालिकाना हक देने की मंजूरी: अरुणा चौधरी
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राजपुरा /चंडीगढ़, 23 नवंबर। पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री अरुणा चौधरी की अध्यक्षता अधीन आज यहाँ हुई राजपुरा पैपसू नगर विकास बोर्ड की 97वीं मीटिंग में जहाँ शहर में रह रही 45 विधवाओं के परिवारों को राजस्व हक देने को सहमति दी गई, वहीं राजपुरा के विकास के लिए करीब 16 करोड़ रुपए देने को भी मंजूरी दी गई। मीटिंग में उनके साथ बोर्ड के विशेष इनवायटी मैंबर और हलका विधायक हरदयाल सिंह कम्बोज़ भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि कस्तूरबा सेवा आश्रम वाली बोर्ड की मल्कीयत वाली ज़मीन पर बैठे परिवारों को स्लम डिवैलरज़ स्कीम एक्ट के अधीन राजस्व हक प्रदान किये गए हैं।
पैपसू नगर विकास बोर्ड के चेअरपरसन के तौर पर मीटिंग की अध्यक्षता करने के बाद अरुणा चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि पैपसू नगर विकास बोर्ड जिस मंतव्य के लिए बनाया गया था, उस मंतव्य की पूर्ति करने में कामयाब हुआ है क्योंकि 1947 के विभाजन का दर्द सहने वाले परिवारों के पुनर्वास के लिए बोर्ड ने बहुत सार्थक यत्न किये हैं। उन्होंने बताया कि आज की मीटिंग में जहाँ शहर के विकास के लिए बोर्ड के द्वारा किये जाने वाले कामों को मंजूरी देने समेत शहर की बेहतरी के लिए फ़ैसले किये गए हैं। उन्होंने बताया कि बोर्ड की स्थायी और लगातार आय बनाने के लिए भी चर्चा की गई है।
राजस्व मंत्री ने आगे बताया कि बोर्ड ने राजपुरा में खेल स्टेडियम के निर्माण के लिए 6 एकड़ 7 कनाल और 10 मरले जगह देने समेत 3 करोड़ रुपए खेल विभाग को देने को भी सहमति दी गई है। इसके इलावा शहर में पुरानी मिर्च मंडी के क्वार्टरों के सामने बोर्ड की ज़मीन पर विधायक कम्बोज की सलाह के साथ पार्क का निर्माण करके ओपन जिम और पौधे लगाने की भी सहमति दी गई। इसके साथ ही पुराने गणेश नगर में सड़क के लिए जगह छोड़ने और इसके निर्माण के लिए भी सहमति दी गई।
हलका विधायक हरदयाल सिंह कम्बोज़ ने राजस्व मंत्री अरुणा चौधरी का धन्यवाद करते हुये बताया कि मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी की तरफ से चौधरी को बोर्ड का चेअरपरसन बनाऐ जाने के बाद राजपुरा शहर के विकास के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज लिए गए फ़ैसलों से जहाँ राजपुरा शहर के विकास के लिए करोड़ों रुपए स्वीकृत किये गए हैं, जिसका गरीबों को तो फ़ायदा होगा ही बल्कि शहर में 1947 के विभाजन के बाद बैठे परिवारों को भी लाभ होगा।

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