पंजाब एस.सी. आयोग के दख़ल के बाद पी.टी.यू. के डिप्टी रजिस्ट्रार को मिला इंसाफ़

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चंडीगढ़, 18 नवंबर। पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के दख़ल के बाद आई. के. गुजराल पंजाब टैक्निकल यूनिवर्सिटी (पी.टी.यू.) के डिप्टी रजिस्ट्रार को तरक्की में देरी के मामले में इंसाफ़ दिया गया है। यूनिवर्सिटी डा. महिमी को चार साल पहले की बनती तारीख़ से तरक्की देने समेत वित्तीय लाभ भी देगी।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये आयोग के मैंबर गियान चंद ने बताया कि यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार डा. सन्दीप महिमी ने आयोग के पास शिकायत की थी कि वह 28 मई, 2010 से पी.टी.यू. में बतौर सहायक रजिस्ट्रार काम कर रहा है। यूनिवर्सिटी नियमों के अनुसार वह पाँच साल बाद डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर तरक्की के लिए हर पक्ष से पूरी योग्यताएं रखता था परन्तु अनुसूचित जाति से सम्बन्धित होने के कारण उसे 28 मई, 2015 की बजाय 9साल बाद 28 मई, 2019 को डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पद पर तरक्की दी गई, जबकि उससे पहले जनरल वर्ग के अधिकारियों को पाँच साल का समय पूरा होने पर ही तरक्की दे दी गई।
इस पर कार्यवाही करते हुये पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग एक्ट, 2004 की धारा 10 (2) के अधीन सम्बन्धित विभाग से शिकायत सम्बन्धी पड़ताल रिपोर्ट माँगी गई थी और सारा रिकार्ड जाँचने के बाद शिकायत बिल्कुल सही पाई गई। यूनिवर्सिटी नियमों के अनुसार 5साल बाद शिकायतकर्ता को तरक्की देनी बनती थी।
इस पर आयोग ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को हुक्म दिए कि नियमों के मुताबिक तरक्की में हुयी देरी के मद्देनज़र शिकायतकर्ता को वित्तीय लाभ समेत 28 मई, 2015 से तरक्की दी जाये। श्री गियान चंद ने बताया कि यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार दविन्दर सिंह ने कल आयोग के दफ़्तर में पेश होकर बताया कि डा. महिमी को चार साल पहले की बनती तारीख़ से तरक्की देने समेत वित्तीय लाभ देने सम्बन्धी यूनिवर्सिटी की तरफ से हुक्म दे दिए गए हैं।

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