नरमा चुगने वाले खेत कामगारों को भी राहत का 10 प्रतिशत मिलेगा: मुख्यमंत्री

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चंडीगढ़, 17 नवंबर। नरमे की फ़सल पर गुलाबी सूंडी के हमले के कारण नुकसान बर्दाश्त करने वाले नरमा उत्पादकों और खेत कामगारों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज फ़सल का मुआवज़ा 12000 रुपए से बढ़ाकर 17000 रुपए प्रति एकड़ करने का एलान किया है। इसके साथ ही इस राहत का 10 प्रतिशत नरमा चुगने वाले खेत कामगारों को देने का ऐलान भी किया।
आज यहाँ पंजाब भवन में भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व में 32 किसान संगठनों की संयुक्त किसान मोर्चे के नुमायंदों के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि मुआवज़ा राशि बढ़ने से 200 करोड़ रुपए की और राहत मिलेगी जबकि 12000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से 416.18 करोड़ रुपए पहले ही मंजूर किये जा चुके हैं।
संयुक्त किसान मोर्चे की एक और अहम माँग को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने राज्य में काले खेती कानूनों के विरुद्ध प्रदर्शन करने वाले किसानों के खि़लाफ़ पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज सभी एफ.आई.आर भी निर्धारित प्रक्रिया अपनाने के उपरांत रद्द करने का भी एलान किया। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चे के नुमायंदों को भरोसा दिया कि वह पंजाब के राज्यपाल जो चण्डीगढ़ के प्रशासक भी हैं, को निजी तौर पर मिलकर मसला उठाएंगे जिससे काले खेती कानूनों के खि़लाफ़ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले किसानों के विरुद्ध केस वापस करवाए जा सकें। उनकी माँग को मंज़ूर करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने ऐलान किया कि विभिन्न किसान यूनियनों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ राज्यपाल को जल्द ही मिलकर यह केस तुरंत वापस लेने की अपील करेंगे।
किसान यूनियनों की माँग पर मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि किसान भाईचारे के हित में धान की पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज मामलों पर कानूनी नज़रिए से विचार किया जायेगा। हालाँकि, उन्होंने किसानों को भविष्य में धान की पराली को आग लगाने से परहेज़ करने की अपील की क्योंकि इससे वातावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक होने के साथ-साथ ज़मीन की उपजाऊ शक्ति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
मोगा ज़िले में धान के नकली बीज की सप्लाई होने से 2000 एकड़ फ़सल ख़राब होने का गंभीर नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री को आदेश दिए कि कसूरवार बीज कंपनी के खि़लाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाये और प्रभावित किसानों को नुक्सान का मुआवज़ा भी दिया जाये। मुख्यमंत्री ने मौजूदा रबी सीजन के दौरान गेहूँ के घटिया बीज की सप्लाई में शामिल पनसीड के कसूरवार अफसरों के खि़लाफ़ उदाहरणीय कार्रवाई करने के आदेश दिए।
दिल्ली-कटरा-अमृतसर ऐक्सप्रैसवे के लिए अधिग्रहण की गई ज़मीन के एवज़ में किसानों को कम मुआवज़ा देने के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि वह इस सम्बन्धी मुआवज़ा राशि की कीमत तर्कसंगत बनाने के लिए निजी तौर पर सभी डिविज़नल और डिप्टी कमीश्नरों के साथ मीटिंग करेंगे। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसे किसानों को इस सम्बन्ध में किसी किस्म की परेशानी नहीं आने देनी चाहिए और वित्त कमिश्नर राजस्व को ऐसे सभी मामलों में उचित मुआवज़े का अधिकार और भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनःनिपटान ऐक्ट-2013 के उपबंधों के अंतर्गत उपयुक्त मुआवज़ा देने की जाँच के आदेश दिए।
दूध और दूध उत्पादों में मिलावटखोरी को रोकने के लिए कड़ा रूख अपनाते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने लोगों की सेहत के लिए बड़ा ख़तरा बन रहे इस खतरे को रोकने के लिए किसान संगठनों से पूर्ण सहयोग की माँग की और इसके लिए बड़े स्तर पर मुहिम चलाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और इसके लिए लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता मुहिम भी चलाई जायेगी। मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि राज्य सरकार इस सम्बन्धी किसी भी किस्म की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी और स्वास्थ्य, डेयरी विकास और सहकारिता (मिल्कफैड) विभागों को इन असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं जो लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।
सरकारी नौकरियों में राज्य के नौजवानों को प्राथमिकता देने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में पंजाबी नौजवानों को लगभग 75 प्रतिशत पदों के लिए आरक्षण की नीति बनाने के लिए मंत्रीमंडल की अगली मीटिंग में व्यापक प्रस्ताव लाने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है।
पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की नियुक्ति के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्बन्धी चयन प्रक्रिया जारी है और योग्य व्यक्ति की नियुक्ति निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से मेरिट के आधार पर की जायेगी। इसी तरह मुख्यमंत्री चन्नी ने कृषि और बाग़बानी के क्षेत्रों में व्यावसायिकता और वैज्ञानिक रुझान को प्रफुल्लित करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया और मुख्य सचिव को अपने-अपने क्षेत्रों में विशाल तजुर्बे और महारत वाले तकनीकी माहिरों की नियुक्ति करने के लिए कहा जिससे कृषि क्षेत्र को नयी बुलन्दियों पर ले जाया जा सके।
कृषि विभाग में खाली पदों को भरने के लिए संयुक्त किसान मोर्चो की एक अन्य माँग के साथ सहमत होते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि विकास अफसरों के 141 पदों पर पहले ही नियुक्तियाँ की जा चुकी हैं और किसानों को कुशल सेवाएं प्रदान करने के लिए जल्द ही इतने और पद भरे जाएंगे जो उनकी आय में विस्तार करने के लिए सहायक होंगे।
संयुक्त किसान मोर्चो के नुमायंदों की तरफ से छोटे, सीमांत और भूमि रहित किसानों समेत सभी श्रेणियों के किसानों के बकाया कर्ज़े माफ करने की माँग का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि वह राज्य की आर्थिक स्थिति के बारे वित्त विभाग के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद उनके साथ अलग तौर पर मीटिंग करेंगे।
और जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि 5.63 लाख किसान पहले ही कर्ज़ माफी स्कीम के अंतर्गत 4610.84 करोड़ का लाभ ले चुके हैं। इनके इलावा राज्य भर के भूमि रहित किसानों और खेत मज़दूरों को 520 करोड़ रुपए की राहत दी जा रही है।
मुख्यमंत्री चन्नी ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही गन्ना उत्पादकों को सबसे अधिक स्टेट ऐग्रीड प्राइस (एस.ए.पी.) दिया है जो कि 360 रुपए प्रति क्विंटल है। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चो के नुमाइंदों ने 35 रुपए प्रति क्विंटल माँग करते हुये कहा कि यह वित्तीय सहायता किसानों को सीधे तौर पर नहीं दी जानी चाहिए परन्तु यह उनको निजी चीनी मिलों के द्वारा दी जानी चाहिए और इन मिलों को किसानों के खातों में सीधे तौर पर पूरा एस.ए.पी. ट्रांसफर करना चाहिए। इसके उपरांत मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि वह गन्ना उत्पादकों की संतुष्टि के लिए इस मुद्दे को हल करने के लिए निजी चीनी मिलों के मालिकों के साथ विशेष मीटिंग करेंगे।
किसान आंदोलन के दौरान अपनी जानें गवाने वाले किसानों के पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता का प्रगटावा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही 152 पीड़ित परिवारों को सरकारी नौकरियाँ देने के इलावा हरेक परिवार को 5-5लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग सम्बन्धी डिप्टी कमिशनरों के साथ तालमेल करके बाकी रहते मामलों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पर कार्यवाही कर रहा है।
धान के मंडीकरण सीजन के दौरान निर्विघ्न खरीद प्रीक्रिया पर तसल्ली प्रकटाते हुये मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि 35965 करोड़ रुपए में से किसानों को 33750 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है जो कि खरीद के कुल भुगतान का 98 फ़ीसदी बनता है। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चो के नुमायंदों को भरोसा दिया कि किसानों का एक-एक दाना हर कीमत पर खरीदा जायेगा।
मुख्यमंत्री ने एग्रीकल्चर पर्पज़ (ए.पी.) मीटर्ड श्रेणी के उपभोक्ताओं को 500 कुनैकशनों के लिए मुफ़्त बिजली देने का ऐलान भी किया, जिनको 2017 में तत्काल स्कीम के अंतर्गत कुनैकशन अलाट किये गए थे। इन उपभोक्ताओं को अब कृषि उपभोक्ताओं के बराबर मुफ़्त बिजली मिलेगी।
मौजूदा रबी सीजन के दौरान डीएपी की कमी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि यह समस्या अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कीमतें बढ़ने के कारण पैदा हुई है। इस स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने निरंतर यत्नों और भारत सरकार के साथ तालमेल से स्थिति को काफ़ी हद तक आसान किया है।
इस मौके पर अन्यों के अलावा उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा, कैबिनेट मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा, परगट सिंह, रणदीप सिंह नाभा, राज कुमार वेरका, गुरकीरत सिंह कोटली के अलावा मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवाड़ी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव हुसन लाल, वित्त कमिशनर राजस्व वी.के. जंजूआ, वित्त कमिश्नर विकास डी.के. तिवाड़ी और प्रमुख सचिव वित्त के.ए.पी. सिन्हा मौजूद थे।

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