कपूरथला, 17 नवंबर। हमें बचपन से ही हमारे गुरु, संतों, मां, बाप ने यही सिखा है कि गाय हमारी माता है, इन्हें नियमित प्रात:उठकर प्रणाम करना चाहिए। ऐसे में अगर कोई इन्हें नुकसान पहुंचता है तो मन विचलित होना लाजमी है, लेकिन यहां क्रोध करने से किसी को कोई लाभ नहीं मिल सकता है। बल्कि अगर गाय माता के लिए कुछ करना है तो उनके संरक्षण व बेहतर भरण पोषण का इंतजाम करने के प्रयास करो। यह बात यूथ अकाली दल के राष्ट्रीय उपप्रधान अवि राजपूत ने कही। वह बुधवार को अपनी टीम के साथ गोबिंद गौधाम गौशाला पहुंचे जहां उन्होंने गायों को गुड हरी घास खिलाकर गौ सेवा की। अवि राजपूत ने कहा कि गौ सेवा माता-पिता की सेवा के समान है। गौ की सेवा केवल गौशाला में नहीं की जाती। यह सेवा कहीं पर भी चलते-फिरते भी की जा सकती है। गौ सेवा करना मानव का सच्चा धर्म है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को सच्चे धर्म के साथ चलकर गौ सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ सेवा ही व्यक्ति का पहला धर्म है। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा करना कोई भी व्यक्ति कम नहीं होता है। गाय की सेवा एक मां के बराबर है।
अवि राजपूत ने कहा कि गौसेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है। हमें बढ़-चढ़कर गौसेवा करनी चाहिए। गौमाता को देवी-देवता तक पूजते थे। आज स्वार्थ में अंधे कुछ लोग गौमाता को सड़कों पर बेसहारा छोड़कर पाप कर रहे हैं। भारतीय समाज ऋषि-मुनियों की धरोहर है और यहां की संस्कृति व सभ्यता पूरी दुनिया में श्रेष्ठ है। उन्होंने युवा पीढ़ी को संदेश दिया कि आधुनिकता के साथ अपनी सभ्यता को भी सम्भाल कर रखें। समाज का ताना-बाना तभी मजबूत होगा,जब हर इंसान जनसेवा के लिए तत्पर रहेगा। उन्होंने गौभगतो से आग्रह किया कि वे गौ माता की रक्षा व उनके पालन पोषण के लिए बढ़-चढ़कर योगदान दें। उन्होंने कहा कि जिस घर में गाय का निवास होता है वहां सुख, समृद्धि बनी रहती है। हमें गौमाता की रक्षा व सेवा संतान की तरह करनी चाहिए। गौ मां इस धरती में सबसे पावन पशु है। उसमें देवताओं का वास है। भगवान की कृपा पाने हमें सच्चे मन से गौ सेवा का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि माता-पिता और गौ की आंखों में आंसू नहीं आने देना चाहिए। उन्हें प्रसन्न रखना निर्जला व्रत के पुण्य फल के समान है। संतान के जैसे गौ सेवा करनी चाहिए। इससे जीवन में पुण्य फल की वृद्धि होती है। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की कृपा का प्रसाद भी गौ सेवकों को मिलता है। गौ सेवा से मानव को संतोष गुण की प्राप्ति होती है। गौ माता से प्राप्त अमृतमय दुग्ध से मनुष्यों को निरोगी काया का वरदान भी मिलता है। इस अवसर पर धीरज नय्यर, सैंडी, सुमित कपूर, रिकी आदि उपस्थित थे।