चंडीगढ़़, 9 नवंबर। फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में पल्मोनरी मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ. दिगंबर बेहरा को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रपति भवन में 8 नवंबर को आयोजित नागरिक सम्मान समारोह में चिकित्सा के क्षेत्र में उनके सराहनीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
पुरस्कार समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कई कैबिनेट मंत्रियों ने भी उपस्थिति दर्ज करवाई।
डॉ. दिगंबर बेहरा रेस्पिरेटरी मेडिसिन के एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं और उन्हें 2020 में मेडिसिन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई थी। कोविड19 के चलते पिछले साल के सम्मानितों को भी इस साल एक संयुक्त समारोह में सम्मानित किया गया है। डॉ.बेहरा को 40 से अधिक वर्षों का क्लीनिकल अनुभव है और वे इस साल मई में फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली से जुड़े हैं।
ओडिशा के रहने वाले, डॉ बेहरा ने 1978 में एससीबी मेडिकल कॉलेज, उत्कल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह 1978 में पीजीआईएमईआर में मेडिसिन विभाग में जूनियर रेजिडेंट के रूप में शामिल हुए और इस साल अप्रैल तक वहीं पर कार्यरत रहे।
डॉ.बेहरा ने 1980 में पीजीआईएमईआर से एमडी और क्रमश: 1982 और 1983 में मेडिसिन एंड रेस्पिरेटरी मेडिसिन में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन ऑफ डिप्लोमेट पूरा किया।
वह 1984 में एक फैकेल्टी सदस्य के रूप में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में शामिल हुए और 2000 में प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत हुए। डॉ.बेहरा ने पीजीआईएमईआर में डीन (रिसर्च) और पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख के रूप में भी काम किया। उन्होंने पांच साल की अवधि के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टीबी एंड रेस्पिरेटरी डिजीज के निदेशक के रूप में भी काम किया।
डॉ.बेहरा लंग कैंसर कीमोथेरेपी के अग्रणी और इंडियन सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ लंग कैंसर के संस्थापक अध्यक्ष हैं। वर्तमान में, डॉ बेहरा इंडियन चेस्ट सोसाइटी के प्रेसिडेंट और नेशनल टास्क फोर्स फॉर नेशनल ट्यूबरकुलोसिस एलीमिनेशन प्रोग्राम के भी प्रेसिडेंट हैं।
अकादमिक उद्देश्यों के लिए 81 से अधिक देशों का दौरा करने के अलावा, डॉ बेहरा विभिन्न वैज्ञानिक समाजों के सदस्य हैं और विभिन्न वैज्ञानिक पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड में हैं। उनके नाम पर 500 से अधिक प्रकाशन दर्ज हैं और उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में 580 से अधिक पत्र प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने 9 पुस्तकों का लेखन और सह-लेखन किया है जिनमें पल्मोनरी मेडिसिन पर टेक्स्ट बुक, रेस्पिरेटरी मेडिसिन पर टेक्स्ट बुक, रेस्पिरेटरी मेडिसिन में एडवांस, ब्रोन्कियल अस्थमा, ट्यूबरकुलोसिस, स्पिरोमेट्री शामिल हैं। वे 29 राष्ट्रीय और 7 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों के गौरवान्वित प्राप्तकर्ता भी हैं।