चंडीगढ़, 8 नवंबर हरियाणा सरकार प्रदेश में एमएसएमई के लिए एक विशेष योजना बनाएगी जिसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में छोटे ‘एमएसएमई इंडस्ट्रियल पार्क’ बनाए जाएंगे ताकि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हों तथा लोकल-प्रोडक्ट को निर्यात करने के लिए प्रोत्साहन मिल सके।
यह जानकारी हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने आज यहां प्रैस कान्फ्रैंस में दी।
डिप्टी सीएम, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य तथा श्रम एवं रोजगार विभाग का प्रभार भी है, ने बताया कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने अफ्रीका उपमहाद्वीप के 14 देशों के साथ कॉनक्लेव किया, इसमें कई देशों ने इच्छा व्यक्त की है कि हरियाणा के लोग वहां कृषि एवं उद्योग के क्षेत्र में निवेश करें।
इस अवसर पर श्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य सरकार को जनहितैषी बताते हुए कहा कि दीपावली पर्व के अवसर पर प्रदेश सरकार ने जहां पैट्रोल-डीजल की कीमतों में 12 रूपए प्रति लीटर की कमी करके लोगों को महंगाई से राहत दिलाने का काम किया है वहीं ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अधिनियम, 2020’ लागू करके प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोले हैं। उन्होंने इस अधिनियम को रोजगार के क्षेत्र में लैंडमार्क बताते हुए कहा कि प्राइवेट कंपनी, ट्रस्ट, सोसायटी आदि सभी संस्थानों को ‘हरियाणा उद्यम मैमोरेंडम’ पोर्टल पर 15 जनवरी 2022 तक पंजीकरण करके अपने-अपने कर्मचारियों का विवरण भरने के निर्देश दिए गए हैं। अभी तक 16,000 कंपनियों ने स्वयं को पंजीकृत किया है। उन्होंने बताया कि अधिनियम लागू हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में राज्य के चार बड़े शहरों में उद्योगों का सर्वे किया जा रहा है, यह पूरा होने के बाद शेष राज्य में भी सर्वे किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि उक्त अधिनियम को बनाने व लागू करने से पहले राज्य स्तर व राष्टï्रीय स्तर पर विभिन्न औद्योगिक संगठनों से भी विचार-विमर्श किया गया है। उन्होंने लोगों के ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अधिनियम, 2020’ के बारे में संशय दूर करते हुए कहा कि प्रदेश में नया स्टार्टअप तथा नई आईटी कंपनी शुरू करने वालों को इस अधिनियम में 2 वर्ष के लिए रियायत दी गई है। उन्होंने अधिकारियों द्वारा अधिनियम से संबंधित मॉनिटरिंग करने आदि के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कौशल विभाग, उद्योग विभाग, उच्चतर शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा आईटीआई, पोलिटेक्रीक आदि को नई तकनीक के साथ अपग्रेड किया जाएगा ताकि राज्य में उद्योगों को प्रशिक्षित कौशलयुक्त युवा रोजगार के लिए मिल सकें।