चंडीगढ़, 30 अक्टूबर। पंजाब सरकार ने कपास पट्टी के किसानों और मजदूरों को राहत देने के लिए बड़ा और अहम कदम उठाते हुए गुलाबी सूंडी से खराब हुई कपास की फसल के मुआवज़े के लिए 416 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जारी करने का ऐलान कर दिया है।
यह ऐलान आज पंजाब भवन में राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री अरुणा चौधरी और कृषि मंत्री स. रणदीप सिंह नाभा ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया।
दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने बताया कि गुलाबी सूंडी से मानसा, संगरूर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब और बरनाला में कपास का भारी नुकसान हुआ, जिस कारण किसानों और कपास बीनने वाले मजदूरों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुल 416,18,07,828 रुपए (चार सौ सोलह करोड़, अठारह लाख, सात हज़ार, आठ सौ अट्ठाईस रुपए) की राशि जारी की जा रही है। यह राशि किसानों और मजदूरों को राहत के तौर पर देने के लिए दिवाली से पहले डिप्टी कमिश्नरों के खातों में भेज दी जाएगी, जिसका आगे किसानों और मजदूरों को सीधा भुगतान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राशि का 10 प्रतिशत कपास बीनने वाले मजदूरों को राहत के तौर पर दिया जाएगा। चौधरी और नाभा ने कहा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पूरी तरह डट कर किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है और उसकी तरफ से किसानों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार मजदूरों, किसानों समेत हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
मुआवज़े के वितरण संबंधी अधिक जानकारी देते हुए दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने बताया कि कपास पट्टी में इस बार तकरीबन 7 लाख 51 हज़ार एकड़ क्षेत्रफल में कपास बीजा गया और इसमें से तकरीबन चार लाख एकड़ क्षेत्रफल में गुलाबी सुंडी से नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि 26 से 32 प्रतिशत नुकसान के लिए 2000 रुपए प्रति एकड़, 33 से 75 प्रतिशत नुकसान के लिए 5400 रुपए प्रति एकड़ और 76 से 100 प्रतिशत नुकसान के लिए 12,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। यह मुआवजा आज तक का सबसे अधिक है। इससे पहले पिछली बार पूरी फसल खराब होने पर किसानों को 8000 रुपए प्रति एकड़ और कपास बीनने वाले मजदूरों को राशि का 5 प्रतिशत दिया गया था।
कैबिनेट मंत्रियों के अनुसार मानसा जिले में 1,51,335 एकड़ क्षेत्रफल को 76 से 100 प्रतिशत नुकसान हुआ है। इसलिए इस जिले के लिए 181,60,21,050 रुपए की राशि जारी दी जा रही है। इसी तरह संगरूर में 145 एकड़ को 26 से 32 प्रतिशत, 3693 एकड़ को 33 से 75 प्रतिशत और 180 एकड़ को 76 से 100 प्रतिशत नुकसान हुआ है और इसके लिए 2,24,01,328 रुपए की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि बठिंडा जिले में 683 एकड़ को 26 से 32 प्रतिशत, 85 एकड़ को 33 से 75 प्रतिशत और 1,88,308 एकड़ को 76 से 100 प्रतिशत नुकसान हुआ है, जिसके लिए बठिंडा जिले के लिए 226,15,23,700 रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है। श्री मुक्तसर साहिब जिले में 1906 एकड़ को 26 से 32 प्रतिशत, 7922 एकड़ को 33 से 75 प्रतिशत और 50 एकड़ को 76 से 100 प्रतिशत का नुकसान हुआ है, इसके लिए 4,71,90,800 रुपए की राशि जारी की जा रही है। इसी तरह बरनाला जिले में 143 एकड़ कपास का 26 से 32 प्रतिशत, 2639 एकड़ को 33 से 75 प्रतिशत और 11 एकड़ को 76 से 100 प्रतिशत नुकसान हुआ है। इसके लिए बरनाला के लिए 1,46,70,950 रुपए की राहत की व्यवस्था की गई है। मंत्रियों ने यह भी बताया कि इस राशि में से कपास बीनने वाले मजदूरों के लिए 10 प्रतिशत राहत दी जाएगी।
हाल ही में बारिश से फसलों को हुए नुकसान सम्बन्धी पूछे गए एक सवाल के जवाब में श्रीमती चौधरी ने बताया कि इस सम्बन्धी गिरदावरी के आदेश जारी किए जा चुके हैं। जैसे ही डिप्टी कमिश्नरों द्वारा रिपोर्टें आईं तो इसके लिए भी मुआवज़े के लिए कदम उठाए जाएंगे। डिप्टी कमिश्नरों को एक हफ़्ते में फ़सल के नुकसान के बारे में रिपोर्टें भेजने के लिए निर्देश दिए गए थे।
इसी दौरान एक सवाल के जवाब में नाभा ने बताया कि सरकार द्वारा इस तरह के नुकसान से बचने के लिए अत्याधुनिक तकनीक लाई जा रही है।
किसानों के प्रति प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए शहीद हुए किसानों के परिवारों के 157 सदस्यों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं, जो कांग्रेस सरकार की किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता को प्रकट करते हैं।
दोनों मंत्रियों ने बताया कि 8 नवंबर को विधानसभा में कृषि कानूनों और बी.एस.एफ. का दायरा बढ़ाने के मुद्दे पर विशेष बहस करवाई जाएगी।
इस मौके पर अन्यों के अलावा वित्त आयुक्त राजस्व वी.के. जंजूआ, वित्त आयुक्त कृषि डी.के. तिवारी और एडीशनल सचिव राजस्व कैप्टन करनैल सिंह भी उपस्थित थे।