हरियाणा मानचित्र परियोजना को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना: राज्यपाल

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चण्डीगढ़, 27 अक्तूबर। देश में मानचित्रण प्रणाली के तहत भौगोलिक सूचना विज्ञान (जी.आई.एस.) का प्रयोग करके डिजिटलाइजेशन के माध्यम से सरकार की योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचाया सकता है। हरियाणा इस मानचित्र परियोजना को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। यह बात हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ में ‘‘आत्मनिर्भर भारत के लिए मानचित्र’’ विषय पर आयोजित 41 वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कही। यह सम्मेलन इंडियन नेशनल कार्टोग्राफिक एसोसिएशन व पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा में पूरे 44,212 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जी.आई.एस. मानचित्र प्रणाली की परियोजनाएं आरम्भ की गई हैं। इस प्रणाली का प्रयोग करके राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में लाभान्वित भी किया जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘स्वामित्व परियोजना’’ के रूप में एक राष्ट्रव्यापी परियोजना शुरू की है। इस योजना के तहत राज्य में ‘‘लाल डोरा मुक्त योजना’’ भी शुरू की है। जिसके लिए अभी तक राजस्व सम्पदा के 1239 गांव  में  मानचित्रण का कार्य पूरा किया गया है।
उन्होंने कहा कि भौगोलिक सूचना विज्ञान (जी.आई.एस.) प्रणाली आज विश्व में एक विकास का आधार बन गई है। इस प्रणाली का पूरी तरह प्रयोग करने से देश व राज्य में सामाजिक, आर्थिक प्रगति के साथ-साथ रोजगार सृजन और ज्ञान विज्ञान के प्रसार-प्रचार से जबरदस्त लाभ हुआ है। इसके साथ-साथ इस प्रणाली से युवा छात्रांे के लिए रोजगार की अपार सम्भावनाएं बढ़ी हैं। देश में ई-अर्थव्यवस्था, ई-सेवा और ई-कॉमर्स को बढ़ाने तथा नागरिकों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए यह मानचित्रण प्रणाली एक मील का पत्थर साबित हो रही है।
दत्तात्रेय ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर-भारत का नारा दिया गया है। इस नारे को साकार करने के लिए ‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’’ शुरू किया गया है। जिसके तहत सूक्ष्म, लघु उद्योगों, किसानों, श्रमिकों और गरीबों के लिए दर्जनों योजनाओं व कार्यक्रमों की शुरुआत की गई हैं। इन योजनाओं में श्रमिकों और गरीबों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ-साथ किसानों की आय दोगुनी करना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि आज वैश्वीकरण का दौर है। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में वैश्वीकरण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए विश्व के अन्य देशों से जुड़कर हमें अपने देश में संसाधनों का प्रयोग कर देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
इस मौके पर दत्तात्रेय ने इंडियन नेशनल कार्टोग्राफिक एसोसिएशन की पुस्तिका का भी विमोचन किया और एसोसिएशन द्वारा लगाई गई मानचित्रण प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में राज्यपाल ने मानचित्र प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम आने वाले बच्चों को सम्मानित कर आशीर्वाद दिया। राष्ट्रीय स्तर मानचित्र प्रतियोगिता में कार्तिकेय शर्मा प्रथम, मोनालियक दास द्वितीय और आकाश लायर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया था।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत सरकार के महासर्वेक्षक, नवीन तोमर, भारत सरकार के मुख्य जल सर्वेक्षक वाइस एडमिरल अधीर अरोड़ा, एनआईएएस बेंगलुरु के निदेशक, डॉ शैलेश नायक, पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राज कुमार तथा इंडियन नेशनल कार्टोग्राफिक एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन ने भी सम्मेलन के विषय पर प्रभावी वकतव्य दिए।

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