उप मुख्यमंत्री ने ड्रग कंट्रोल अधिकारियों को नशे की आदत डालने वाली दवाओं के खतरे से निपटने की दी हिदायत

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चंडीगढ़, 22 अक्तूबर। फार्मास्यूटीकल दवाओं के दुरुपयोग को रोकनेे के उद्देश्य से पंजाब के उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी ने सभी ड्रग कंट्रोल अधिकारियों को नशे की आदत डालने वाली दवाओं की अंधाधुन्ध बिक्री को रोकने की हिदायत की।
सोनी ने कहा कि लोगों में, ख़ास करके युवा पीढ़ी में नशे की आदत का कारण बनने वाली सभी दवाओं को सीमित किया जाना चाहिए और इनकी सिर्फ़ सावधानी के साथ ही बिक्री की इजाज़त होगी। उन्होंने अधिकारियों को राज्य में नशे की आदत डालने वाली दवाओं के भंडारण, बिक्री और वितरण पर पैनी नज़र रखने के लिए कहा।
सोनी ने कहा कि हाल ही में देखा गया है कि युवाओं द्वारा प्रीगैबलिन वाले कैप्सूल और गोलियों का प्रयोग नशे के लिए किया जा रहा है। इसलिए, फूड एंड ड्रग्ज़ ऐडमनिस्ट्रेशन के ड्रग्ज़ कंट्रोल अफसरों को जांच करने और ड्रग्ज़ और कॉस्मेटिक्स एक्ट की धाराओं के अंतर्गत उन फर्मों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये गए हैं जहाँ यह दवाएँ सही रिकार्ड के बिना भंडारित की गई हैं।
मंत्री ने कहा कि हमें यह यकीनी बनाने की ज़रूरत है कि ऐसी दवाएँ केवल उचित प्रयोग के लिए बनाईं और बेची जएं। उन्होंने बताया कि कैमिस्ट ऐसोसीएशनों को नशे की आदत डालने वाली दवाओं के इस खतरे से निपटने के लिए राज्य की एजेंसियों के सहयोग के लिए आगे आने के लिए कहा जा रहा है।
ज़िक्रयोग्य है कि विभाग पहले ही कैमिस्ट ऐसोसीएशनों और विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों के साथ सेमीनारों और मीटिंगों का आयोजन करके लोगों तक पहुँच बना रहा है और ‘100 दिनों के रोडमैप’ के अंतर्गत उनको नशे के बुरे प्रभावों बारे जागरूक कर रहा है।

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