करनाल, 15 अक्टूबर। ओलंपिक से लेकर राष्ट्रीय खेलों तक एक बार फिर हरियाणा ने खेल जगत में अपना दबदबा कायम किया है। चंद दिनों पहले गोवा के मडगांव में आयोजित हुई अंडर-19 राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में करनाल निवासी विपिन मढ़ान ने 100 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर पूरे हरियाणा का नाम रोशन किया है। स्वर्ण पदक जीतने पर 17 वर्षीय विपिन मढ़ान के घर जश्न का माहौल है। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष एवं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने इस सफलता पर करनाल में आयोजित एक समारोह में विपिन को सम्मानित किया और उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर डॉ. चौहान ने प्रदेश के सभी युवाओं से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन करने का आह्वान किया। उन्होंने विपिन को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि खेल जगत में प्रदेश और देश का नाम रोशन करने पर उन्हें राज्य सरकार की ओर से उचित रूप से सम्मानित किया जाएगा और इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के इच्छुक सभी युवाओं को हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार उचित प्रोत्साहन देगी। डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान इस सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे।
गत 9-10 अक्टूबर को गोवा के पेंडेम स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित हुई इस एथलेटिक्स स्पर्धा में देश भर से कुल 19 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इस दौड़ प्रतियोगिता ने केरल के खिलाड़ी ने रजत पदक जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया जबकि तमिलनाडु कांस्य पदक लेकर तीसरे स्थान पर रहा।
करनाल के वसंत विहार इलाके में रहने वाले विपिन 12वीं कक्षा के छात्र हैं और एक स्थानीय स्कूल में पढ़ते हैं। इस सफलता के लिए की गई तैयारियों पर चर्चा करते हुए विपिन ने बताया कि वह इस दौड़ प्रतियोगिता के लिए अपने कोच सतीश कुमार और योगेंद्र की देखरेख में पिछले 3 साल से प्रैक्टिस कर रहे थे।
विपिन के अनुसार खेल प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल करने के लिए एक खिलाड़ी को खाने-पीने से लेकर सोने-उठने तक अपनी पूरी दिनचर्या को कड़े अनुशासन से नियंत्रित करना पड़ता है। विपिन को भी अपने दोनों कोच की देखरेख में कड़ा अभ्यास करना पड़ता है। खानपान के विषय में पूछे जाने पर विपिन ने बताया कि वह फास्ट फूड और अचार जैसी खट्टी चीजों के सेवन से परहेज करते हैं। उनके अनुसार एक खिलाड़ी को वर्कआउट करने के आधे घंटे के भीतर सिर्फ हेल्दी और सुपाच्य आहार लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक खिलाड़ी के लिए 6 घंटे की नींद पर्याप्त समझी जाती है। स्कूल की पढ़ाई के कारण वह खुद रात को 10-11 बजे से पहले नहीं सो पाते और सुबह 4 बजे अभ्यास के लिए उठ जाना पड़ता है।
विपिन ने बताया कि खेलों में उनकी बचपन से ही रुचि थी। वह एथलेटिक्स की राज्य स्तरीय स्पर्धा में भी रजत पदक जीत चुके हैं। इससे पहले ताइक्वांडो स्पर्धा में भी नेशनल प्लेयर के तौर पर भाग ले चुके हैं जिसमें विपिन को कांस्य पदक प्राप्त हुआ था। एथलेटिक्स में आगे बढ़ने के इच्छुक अन्य खिलाड़ियों को वह क्या सलाह देंगे? इस सवाल पर विपिन ने कहा कि खेल में आगे बढ़ने के लिए सभी इच्छुक युवाओं को अपने कोच के मार्गदर्शन में ही अभ्यास करना चाहिए और खानपान में संयम बरतना चाहिए। बिना कोच की देखरेख के अभ्यास करने से अपेक्षित सफलता की उम्मीद कम रहती है।
विपिन को सम्मानित करने के लिए आयोजित इस सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान के अलावा विपिन के पिता कृष्ण लाल मढ़ान, सुनील काजल सिरसी, बजिंदर मढ़ान, जोगिंदर प्रधान, सुनील मलिक, रणधीर सिंह, रविंदर और पूरन सिंह और कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।