लक्ष्मन को मूर्छित देख प्रभु श्रीराम के आखों से छलक उठा नीर

Spread the love

कपूरथला, 13 अक्टूबर। यह छोकरा तो काबू नही आ रहा, इस पर ब्रंहमास्त्र का प्रयोग करना होगा, यह उदगार श्री प्रताप धर्म प्रचारणी रामलीला दशहरा कमेटी द्वारा सांय देवी तालाव और रात्रि को शालीमार बाग में मंचित नाटक लक्ष्मन मुर्छा के मंचन दौरान कहे। शालीमार बाग में मंचित इस नाटक का उद्घाटन कमलजोत सिंह बतरा ने किया।
इससे पहले श्रीराम युद्ध से पहले एक बार अंगद को अपना शांतिदूत वना कर लंकापति रावण के पास भेजते है और माता सीता को उन्हें लौटाने का अवसर देते है ताकि युद्ध को टाला जा सके परंतु अभिमानी रावण प्रभुराम के इस प्र्रस्ताव को अस्वीकार कर देता है और युद्ध का ऐलान कर देता है। युद्ध में दोनो तरफ से भयंकर युद्ध होता है, रावण सेना की अगुवाई उसका पराक्रमी पुत्र मेघनाद करता है और राम सेना की बागडोर लक्ष्मन सभांलता है, परंतु मेघनाद कपट से ब्रहमास्त्र का प्रयोग कर लक्ष्मन को मुर्छित कर देता है।
बाद में सुषेन बैद्य के कहने से बंजरगवली कालनेमि राक्षस का बध करके संजीवनी बूटी लेकर आता है और लखन पुन होश में आ जाते है और श्रोतागन जयश्री राम और जय बंजरगवली के जयकारों से माहोल को धार्मिक रंगत दे देते हैं।
रावण का अभिनय मंझे हुए कलाकार पवन कालिया, प्रभु राम का किरदार चेतन, लक्ष्मन का अभिनय अंकुर व मेघनाद का किरदार मनीश ने निभाया।
इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष विनोद कालिया, कृष्ण लाल सराफ, कमलजीत सिंह, बिशंवर दास, रजिंदर वर्मा, सतीश शर्मा, सुरिंदर शर्मा, राजेश सूरी, दबिंदर कालिया, मंगल सिंह, ऐडवोकेट पवन कालिया, गुलशन लुंबा, अश्वनी सूद, हरबंत सिंह भंडारी, देश बेरी, त्रिलोचन सिंह धिंजन, अशोक बवल, जसबिंदर सिंह, भूपिंदर सिंह, बलजिंदर सिंह, बावा पंडित, किशन दत शर्मा, रघु शर्मा, धर्मपाल तथा दर्जनों कलाकार उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *