चंडीगढ़, 13 अक्टूबर। मिशनरी शिक्षा के मकसद के साथ शुरू हुए कालेजों का राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने में बहुत योगदान है। इस क्षेत्र में लम्बे समय से सेवाएं दे रहे प्राइवेट एडेड कॉलेजों के हितों की पूरी रक्षा की जायेगी। यह बात उच्च शिक्षा और भाषाओं संबंधी मंत्री स. प्रगट सिंह ने आज यहाँ पंजाब भवन में ग़ैर-सरकारी एडिड कालेजों की मैनेजमैंटों की फेडरेशन के साथ मीटिंग के दौरान कही।
स. परगट सिंह ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में सरकारी संस्थाओं के साथ-साथ लम्बे समय से चल रही कई शैक्षिक संस्थाओं का बहुत बड़ा योगदान है जहाँ से राज्य के नौजवानों ने उच्च शिक्षा हासिल करके बड़ी उपलब्धियां हासिक की हैं। इनमें से कई संस्थाएं तो एक सदी से भी पुरानी हैं। राज्य सरकार इन संस्थाओं के हितों की रक्षा करने के लिए वचनबद्ध है। फेडरेशन की तरफ से गई मीटिंग में रखी ज्यादातर माँगें प्रशासकीय और वित्तीय मामलों से सम्बन्धित थी जिन पर उच्च शिक्षा मंत्री ने विश्वास दिलाया कि सब वाजिब मांगों को हल करने के लिए इस पर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए इसका हल निकाला जायेगा।
स. परगट सिंह ने आगे कहा कि उच्च शिक्षा विभाग को चलाने और इसका नेतृत्व करने के लिए शिक्षा क्षेत्र के साथ ही जुड़े अकादमिक माहिरों और शिक्षा शास्त्रीयों की कमेटी बनाई जायेगी जिसमें इस क्षेत्र से जुड़े हर वर्ग के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा। इसी तरह कालेजों में दाखि़लों, सिलेबस और परीक्षाओं के यूनिवर्सिटियों के अलग-अलग शड्यूल को एकसमान करने की माँग पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस सम्बन्धी सभी यूनिवर्सिटियों के उप कुलपतियों के साथ मीटिंग करके साझा हल निकालने के लिए विचार किया जायेगा। मंत्री के इस फ़ैसले की मौके पर ही फेडरेशन के नेताओं ने प्रशंसा की।
मीटिंग में फेडरेशन के प्रधान रजिन्दरमोहन सिंह छीना, मीत प्रधान रमेश कुमार कौड़ा, सचिव अगनीश ढिल्लों, सलाहकार रवीन्द्र जोशी, वित्त सचिव राकेश धीर, खालसा कालेज अमृतसर के प्रिंसिपल डा. मुहिल सिंह और लायलपुर खालसा कालेज जालंधर के प्रिंसिपल डा.गुरपिन्दर सिंह समरा उपस्थित थे।