शहर के रिलेटर्स ने चंडीगढ़ को बचाने के लिए शुरू की मुहिम, बिल्डिंग बायलॉज के बारे में लोगों को करेंगे जागरूक

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चंडीगढ़, 13 अक्टूबर। पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि शहर के लोग असमंजस की स्थिति में हैं। चंडीगढ़ में प्राइवेट प्लॉट खरीदकर अपना घर बनाने का सपना देखने वाले लोग इस समय ये सोच रहे हैं कि शहर में कंस्ट्रक्शन पर रोक लगी है। लोग ये भी महसूस कर रहे हैं कि शहर में गैरकानूनी ढंग से कंस्ट्रक्शन होती हैं जिस कारण लोग इन्वेस्ट करने से कतरा रहे हैं। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। चंडीगढ़ बिल्डिंग रूल्स का शहर में सख्ती से पालन हो रहा है और कोई नियमों का उल्लंघन नहीं कर रहा है। ये कहना है प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट कमल गुप्ता का
एसोसिएशन के चेयरमैन तरलोचन सिंह बिट्टू ने अपनी एसोसिएशन के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर होटल माउंटव्यू में लोगों के लिए एक जागरूकता अभियान शुरू किया। एसोसिएशन ने इस मौके पर एक फेसबुक पेज नो  रियलिटी आफ चंडीगढ़ प्रॉपर्टी  https://www.facebook.com/realityofchdproperty/ भी लॉन्च किया जिसके जरिए वे शहर के लोगों को चंडीगढ़ बिल्डिंग रूल्स के बारे में जागरूक करेंगे व् आगे बताया   कि लोगों का विकास तभी होगा जब शहर डेवलप करेगा। इसलिए चंडीगढ़ को बचाना जरूरी है। इस समय लोग ट्राईसिटी में इन्वेस्ट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं लेकिन अगर लोग यहां आएंगे तो शहर का विकास भी उतनी ही तेजी से होगा।  

शहर पर नहीं पड़ेगा आबादी का बोझ…
एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी जतिंदर सिंह   ने बताया कि ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि अगले 10 साल में आबादी का बोझ बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान 2031 में अगले 10 साल में शहर की पॉपुलेशन 16 लाख तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने बताया कि अगर शहर में 1 से 47 सेक्टर तक के सभी प्राइवेट प्लॉट्स को ट्रिपल स्टोरी बना दें और हर फ्लोर पर लोग बस जाएं तो भी इन सेक्टरों की आबादी 3 लाख से ज्यादा नहीं हो सकती।

ये हैं बिल्डिंग बायलॉज से जुड़े कुछ अहम नियम…
जिसकी जानकारी शहर के वरिष्ठ आर्किटेक्ट विनोद जोशी ने दी
– शहर में किसी भी प्रॉपर्टी की ट्रांसफर या ऑनरशिप के सभी नियम तय किए गए हैं
– कोई भी घर के निर्माण के लिए बनने वाला प्लान एक डॉक्यूमेंट होता है
– बिल्डिंग की हाइट 36 फीट रोड से व् 35 फीट प्लिंथ  से ज्यादा नहीं हो सकती और इसके लिए डीपीसी या फिर प्लिंथ लेवल सर्टिफिकेट लेना पड़ता है जिसे पूरी तरह मॉनिटर किया जाता है।
– 5 मरले से ऊपर के सभी घरों में पार्किंग स्पेस जरूरी है। हालांकि लोगों को कार पार्किंग के लिए फ्रंट बाउंड्री न रखने की छूट मिल सकती है। इसके अलावा बड़े प्लॉट्स में लोगों को दो गेट या फिर स्टिल्ट पार्किंग की भी परमिशन मिल सकती है अगर वे अप्लाई करते हैं तो।
– घर के मकान के प्लान के तहत हर कमरे  और स्पेस में लाइटिंग और वेंटीलेशन होनी चाहिए

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