करनाल, 12 अक्टूबर। ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ योजना के तहत फसल नुकसान का मुआवजा क्लेम करते समय किसानों को पोर्टल पर अपनी जमीन का सही-सही ब्यौरा अंकित करना चाहिए। हर किसान के लिए आवश्यक है कि उसे अपनी जमीन का किल्ला नंबर समेत अन्य सभी ब्योरे की पूरी और सही जानकारी हो। यह बात हरियाणा ग्रंथ अकादमी उपाध्यक्ष एवं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने रेडियो ग्रामोदय के लाइव कार्यक्रम में ग्रामीणों से संवाद के दौरान कही।
डॉ. चौहान ने कहा कि अक्सर यह देखा गया है कि अपनी नष्ट हुई फसल का मुआवजा क्लेम करते समय किसान अपनी जमीन का गलत ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज करवा देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि पटवारी जब फसल की गिरदावरी के लिए पोर्टल पर जमीन का ब्यौरा क्रॉस चेक करता है, तो उसे गलत ब्योरे के कारण कोई और फसल मिलती है जिसका मालिक भी कोई और होता है। इससे किसानों को फसलों के नुकसान का मुआवजा देने में दिक्कत होती है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे अपनी जमीनों का किल्ला नंबर व अन्य दस्तावेज दुरुस्त करवा लें। जिन किसानों की जमीनों का संयुक्त खाता चल रहा हो, उसका जल्द से जल्द पार्टीशन (विभाजन) करवा लें।
डॉ. चौहान ने कहा कि तेज हवाओं व अत्यधिक बारिश के कारण गोंदर समेत हरियाणा के कुछ गांवों में कई एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। उन्होंने बताया कि फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसलों के नुकसान की भरपाई की जाती है जिसकी दर प्रति एकड़ फसल के हिसाब से निर्धारित है। किसानों को इस बीमा योजना का लाभ उठाना चाहिए।
ग्रामीणों से संवाद के दौरान ग्रंथ अकादमी उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने यह भी बताया कि हरियाणा के हर घर में पीने के लिए स्वच्छ पानी पहुंचाने का सरकार का लक्ष्य है। सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। इस लाइव कार्यक्रम में मनोहर पट्टी (गोंदर) से जगपाल राणा, संजीव, सुरेश पंडित व बरजिंदर सिंह, बल्ला से अंकित शर्मा, सिरसल से धर्मवीर, रिसालवा से दिलीप सिंह, ओमप्रकाश एवं कुडलन से किशन ने भाग लिया।