चंडीगढ़, 11 अक्टूबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण (एचपीपीए) के अध्यक्ष भी हैं, ने आज यहां प्राधिकरण की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि 1 नवंबर, 2021 से विभिन्न विभागों द्वारा दी जा रही सभी योजनाओं और सेवाओं का लाभ केवल परिवार पहचान पत्र के माध्यम से दिया जाना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण यह सुनिश्चित करें कि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के हकदार प्रत्येक पात्र परिवार के डेटा को सत्यापित किया जाए और जल्द से जल्द आवश्यक नियमों और नीतियों का प्रारूप तैयार करें ताकि लाभार्थियों को समयबद्ध तरीके से सभी योजनाओं का लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो न केवल पंक्ति में अंतिम व्यक्ति तक सभी कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करेगी, बल्कि इससे हर परिवार को एक अलग परिवार आईडी मिलेगी, जो सभी सरकारी सेवाओं के लिए मान्य होगी।
एचपीपीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास गुप्ता ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अब तक 64 लाख से अधिक परिवारों ने पीपीपी पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, जिनमें से 56 लाख से अधिक परिवारों ने हस्ताक्षर कर पंजीकृत डेटा की सहमति दे दी है। डेटा का सत्यापन अभी जारी है।
उन्होंने बताया कि सरल पोर्टल के माध्यम से वर्तमान में दी जा रही 315 सेवाओं में से 286 सेवाओं को पीपीपी पोर्टल के साथ एकीकृत किया जा चुका है। इसके साथ ही पीडीएस और पेंशन योजनाओं के डेटा को भी पीपीपी पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है, जबकि संपत्ति आईडी के एकीकरण की प्रक्रिया चल रही है जो जल्द ही पूरी हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि पीपीपी डेटा एकत्र और सत्यापित करते समय सुरक्षा के उच्चतम मानक को अपनाया गया है और डेटा की चोरी या अन्य किसी प्रकार की सुरक्षा में सेंध की कोई कोई संभावना नहीं है। इस डेटा की किसी भी तरह की चोरी से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष आईटी टीमों को लगाया गया है।
एचपीपीए के उपाध्यक्ष बी के गैरोला, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी. एस. ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त, संजीव कौशल, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी. वी. एस. एन. प्रसाद, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और नागरिक संसाधन सूचना विभाग के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता बैठक में उपस्थित रहे। जबकि एचपीपीए के विशेषज्ञ सदस्यों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया।