श्री प्रताप धर्म प्रचारणी सभा ने किया दो वरदान, राम बनवास नाटक का मंचन

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कपूरथला, 10 अक्टूबर। आज हमारे महलों मे ये अंधेरी रात केसी है, बिछा है फर्श पर मातम यह बिगडी बात कैसी है,यह उदगार महाराज दशरथ ने श्री प्रताप धर्म प्रचारिणी सभा रामलीला दशहरा कमेटी की ओर से रविवार की शाम देवी तालाब और रात्रि के समय शालीमार बाग में मंचित नाटक दो वरदान ,राम बनवास नाटक में उस समय कहे जब रानी कैकयी को पता चलता है कि प्रभु राम का राजयभिषेक होने जा रहा है तो रानी कैकयी रूष्ट होकर कौप भवन में चली जाती है और महाराज दशरथ उसे मनाने के लिए वहां आते है। इस मंचित नाटक का उदघाटन पहाडीपुर गांव के सरपंच साहिव सिंह साबी ने अपने कर कमलों से किया और ज्योति प्रज्वलित एस सी बोर्ड के चेयरमेन तजिंदर सिंह भंडारी ने की।
इससे पहले महाराज दशरथ राज्यसभा में घोषणा करते है कि अब समय आ गया है जब अयोध्या नगरी का राजपाट राम के हाथों में सौंपकर चिंता मुक्त होना चाहता हूं। राजा के पद पर प्रभु श्री राम का नाम सुनते ही मंत्रीगण गद गद हो गए और उन्होंने राजा दशरथ से कहा कि प्रजा के लिए इससे उतम कोई भी निर्णय नहीं हो सकता है। इस निर्णय की अयोध्या में मुनियादी के दौरान सूचना सुनकर मंथरा रानी कैकई के कानों में यह बात कहती है कि अगर राम का राज तिलक हो गया,तो भरत की भी अयोध्या नरेश नहीं बन सकता और रानी कैकयी को महाराज दशरथ पर उधार दो बरदान याद करवाती है और महाराज दशरथ से यह दोनो बरदान मांगने के लिए बिवश करती है जिसमें एक में प्रभु राम के लिए १४ वर्ष का बनवास और दूसरे बरदान मे भरत के लिए राज तिलक का मांगने के लिए कहती है। बात सुनते ही रानी कैकई दशरथ के पास जाकर दोनों वर मांगती है। राम के बनवास की बात सुनकर राजा दशरथ विचलित होकर कैकई को अपना वर वापिस लेने के लिए गुजारिश करते है,लेकिन कैकयी उन्हें अपने दो वर पूरा करने के लिए रघुकुल रीत स्मरण करवाकर रजामंद कर लेती है। और प्रभु राम माता और पिता के आदेश की पालना करते हुए छोटे भाई लक्ष्मण और अपनी भार्या सीता सहित बनवास की ओर चले जाते है ,यह दृश्य देखकर भक्तजन भाव विभोर होकर पभु्र श्री राम के जयकारे लगाते है। इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष विनोद कालिया, कृष्ण लाल सराफ, कमलजीत, बिशंवर दास, सिंह रजिंदर वर्मा, सतीश शर्मा, गुलशन लुंबा, सुरिंदर शर्मा, राजेश सूरी, दबिंदर कालिया, मंगल सिंह, ऐडवोकेट पवन कालिया, हरबंत सिंह भंडारी, भूपिंदर सिंह, बलजिंदर सिंह, बावा हरदीप, रघु शर्मा, किशन दत शर्मा, धर्मपाल तथा दर्जनों कलाकार उपस्थित थे।

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