चण्डीगढ़ 9 अक्तूबर। इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों द्वारा बिजली कर्मचारियों की मांगों को मानने से इंकार के बाद बिजली कर्मचारियों कि 12 अक्तूबर की हड़ताल अटल है। हड़ताल की तैयारी के लिए सभी दफ्तरों में गेट मीटिंग, रैलियां व प्रर्दषन करके यूनियन द्वारा हड़ताल की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। बिजली कर्मचारियों की 12 अक्तूबर को होने वाली 24 घंटे की हड़ताल 11 अक्तूबर रात 11/12 बजे से शुरू होकर 12 अक्तूबर रात 11/12 बजे तक चलेगी। हड़ताल के दौरान किसी भी प्रकार काम-काज नहीं होगा।
यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह, महासचिव गोपाल दत्त जोशी, अमरीक सिंह, गुरमीत सिंह, रणजीत सिंह, पान सिंह, कश्मीर सिंह आदि पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने के बाद से ही कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करनी शुरू कर दी थी और अब प्रमोशन तथा सामान की खरीददारी समेत आउटसोर्स कर्मचारियों की एक्सटेंशन भी बंद करनी शुरू कर दी है तथा कर्मचारियों की छोटी छोटी समस्याएं भी जानबूझ कर हल नहीं की जा रही हैं।
यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोषी ने प्रैस को दिये ब्यान में बताया कि विभाग के अधीक्षक अभियन्ता अनिल धमीजा ने 08.10.2021 को यूनियन को मीटिंग के लिए बुलाया लेकिन मीटिंग में विभाग में खाली पड़ी प्रमोशन की पोस्टों को शीघ्र भरने, संषोधित पोस्टों पर विभागीय पेपर लेने समेत सारी प्रक्रिया पूरी कर रखे आउटसोर्स कर्मियों को विभाग के अधीन कर शीघ्र पक्का करने तथा पक्के होने तक उन पर बराबर काम- बराबर वेतन लागू करने, विभाग में ट्रांसफारमर, केबल व एचटी तथा एल टी मीटरों समेत सभी जरूरी सामान का प्रबन्ध करने, वेतन विसंगति दूर करने व रिटायरी समेत सभी कर्मचारियों को 9-16-23 साल का समयबद्ध प्रमोषनल स्केल शीघ्र देने, आउटसोर्स पर रखे कर्मियों का टैन्डर शीघ्र लगाने तथा तब तक उन्हें एक्टैन्षन देने व 7 तारीख से पहले वेतन का भुगतान करने तथा टैंडर बदलने पर ठेकेदारों द्वारा हजारों रूपये लेने वाले ठेकेदारों का टैंडर रद्द करने, 5 प्रतिषत सीलिंग खत्म कर मृतक कर्मियों के आश्रितों को पी एस पी सी एल के आधार पर नौकरी देने, बिजली कर्मियों को कोरोना वारियर घोषित कर मृतक कर्मियों के अश्रितों को 50 लाख मुआवजा देने, असंषोधित वेतन ले रहे कर्मियों को 189 प्रतिषत मंहगाई भत्ता शीघ्र देने तथा कर्मचारियों को घटिया व जानलेवा औजार व सुरक्षा उपकरण देने की उच्चस्तरीय जांच कराने, 650 से अधिक मकानों की रिपेयर व मुरम्मत का काम शीघ्र करवाने, दफ्तरों में बैठने व पीने के पानी का इंतजाम करवाने, सभी डिवीजनों, सब-डवीजनों, षिकायत केंद्रो तथा ग्रिड सब-स्टेषनों को वातानुकूलित करने, दफ्तरों में स्टेषनरी तथा कम्पयूटरों का उचित प्रबंध करवाने, वर्दियों तथा तेल साबुन का भुगतान शीघ्र करवाने, डयूटी के दौरान नाकारा हुए तथा मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को उचित मुआवजा दिलवाने, इंष्योरेंस पॉलिसी लागू करवाने, सैंट्रलाईज पे स्ट्रक्चर गठित कराने, कर्मचारियों की कमी को देखते हुए दफ्तरों में तथा 66/33 केवी सब-स्टेषनों तथा षिकायत केन्द्रों पर कर्मचारियों का उचित प्रबन्ध करने समेत अधिकतर मांगों को लागू करने की जिम्मेवारी उच्च अधिकारियों पर छोड़ कर अपना पल्ला झाड़ लिया।
बाद में यूनियन के पदाधिकारियों ने मांगों पर इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के अड़ियल तथा नाकारात्मक रवैये को देखते हुए सभी कर्मचारियों से 12 अक्तूबर को मुक्कमल हड़ताल कर बिजली दफ्तर सैक्टर 17 में की जा रही रोष रैली में शामिल होने की अपील की तथा हड़ताल के कारण आम जनता को होने वाली परेषानी के लिए अधिकारियों के अड़ियल रवैये को जिम्मेवार ठहराया।