चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात

चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात
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चंडीगढ़, 1 अक्तूबर। पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की तरफ से 10 अक्तूबर तक धान की खरीद प्रक्रिया टालने के मद्देनज़र उनको इस मसले के जल्द निपटारे का भरोसा दिया है।
स. चन्नी ने आज शाम नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ उनके सरकारी निवास स्थान में मुलाकात की और मुख्यमंत्री बनने के बाद इस पहले दौरे को औपचारिक बताया। उन्होंने कहा कि यह किसी भी मुख्यमंत्री का फ़र्ज़ होता है कि वह पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात करे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि समूचे तौर पर मुलाकात बेहद सुखद और सकारात्मक माहौल में हुई।
प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के बाद मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को राज्य में धान की खरीद के लिए, जो कि 1 अक्टूबर से शुरू होनी थी परन्तु अब भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के हुक्म के कारण टल गई है, किये गए सभी प्रबंधों संबंधी जानकारी दी। स. चन्नी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने उनको जानकारी दी कि वह जल्द ही ख़ाद्य मंत्रालय के साथ बातचीत करके यह मसला प्राथमिकता के आधार पर हल करवाएंगे।
करतारपुर कॉरिडोर जिसको कि बीते कई महीनों से कोविड के मामलों की संख्या बढ़ने के कारण बंद कर दिया गया था, के बारे स. चन्नी ने प्रधानमंत्री को तुरंत ही यह कॉरिडोर खोलने की अपील की क्योंकि कोविड की स्थिति में अब काफ़ी हद तक सुधार हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस कदम से श्रद्धालू गुरूद्वारा दरबार साहिब करतारपुर के दर्शन करने के समर्थ हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने मोदी को किसानों की माँगों का स्थायी हल प्राथमिकता के आधार पर तलाशने के लिए कहा क्योंकि इस कारण कृषि प्रधान राज्य की आर्थिकता में रुकावट आई है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसानों के साथ तुरंत ही बातचीत की प्रक्रिया फिर शुरू किये जाने की ज़रूरत है जिससे यह खेती कानून रद्द किये जा सकें और इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री के निजी दख़ल की माँग की।
आर्गेनिक खेती को उत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार की मदद मांगते हुए मुख्यमंत्री ने मोदी से अपील की कि वातावरण समर्थकी कृषि की इस विधि को जोर-शोर से प्रचारित करके राज्य की आर्थिकता मज़बूत करने में मदद की जाये।

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