चंडीगढ़, 24 सितंबर। प्रॉपर्टी फेडरेशन चंडीगढ़ के सदस्यों का एक शिष्टमंडल कमलजीत सिंह पंछी की अध्यक्षता में शुक्रवार को चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल से मुलाकात की और शहर की प्रॉपर्टी संबंधी सुधारों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।
प्रॉपर्टी फेडरेशन चंडीगढ़ के अध्यक्ष कमलजीत सिंह पंछी ने जारी एक बयान में बताया कि प्रशासक के सलाहकार धरम पाल सिंह ने फेडरेशन से शहर की प्रॉपर्टी में सुधारों एवं सुझावों को लेकर ज्ञापन मांगा था ताकि प्रॉपर्टी संबंधी सुधारों को और तेज किया जा सकें। जिसके बार फेडरेशन के एक शिष्टमंडल ने मुलाकात की। इसमें फेडरेशन की तरफ से प्रतिनिधिमंडल में संस्था के चेयरमैन जेडगुप्ता, अध्यक्ष कमलजीत सिंह पंछी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एसए खान, सलाहकार तिरलोक सिंह, महासचिव अमित जैन ने सलाहकार से मुलाकात की।
फेडरेशन ने सलाहकार, चंडीगढ़ के समक्ष कई मुद्दों पर प्रकाश डाला और कई मुद्दों को लेकर अपनी मांगे रखी। इनमें अपार्टमेंट अधिनियम में बदलाव करने की मांग कि गई वहीं फ्री होल्ड संपत्तियों के मामले में अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की मांग की गई। इस मामले पर भी चर्चा की गई और इसे यूटी चंडीगढ़ के उप-नियमों में अधिसूचित करने के लिए जांच कराने पर सहमति व्यक्त की गई। हम माननीय सलाहकार से अनुरोध करते हैं कि एनओसी अधिसूचित होने तक, विक्रेता के अनुरोध पर एक पत्र जारी किया जाए कि कुछ भी बकाया नहीं है, कोई भवन उल्लंघन नहीं, कोई दुरुपयोग नहीं, धोखाधड़ी से बचने के लिए बदलाव किया जाएं। मालिक या उनके अधिकृत प्रतिनिधि / व्यक्ति द्वारा संपत्ति की फाइलों का निरीक्षण: हम इस उद्देश्य के लिए पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने के लिए सिस्टम को हटाने का अनुरोध किया गया हैं। जैसा कि पहले फाइल के निरीक्षण की अनुमति थी, अब 11 बजे से 1 बजे तक अनुमति दी जाए।
आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक संपत्तियों पर भवन के दुरुपयोग/उल्लंघन दर/जुर्माने का निर्धारण। एमएचए, दिल्ली के रूप में, चंडीगढ़ प्रशासन को उनके स्तर पर दर तय करने के लिए अधिकृत किया गया है। हमने पुराने मामलों को निपटाने और न्यूनतम संभव पुरानी दरों को तय करने का अनुरोध किया गया। इस मामले पर वित्त सचिव/उपायुक्त, के साथ आगे चर्चा की जाएगी।
आरक्षित मूल्य को कम करके लीज होल्ड आधार के बजाय फ्री होल्ड आधार पर संपत्ति की नीलामी हो। प्रॉपर्टी फेडरेशन चंडीगढ़ के चेयरमैन व अध्यक्ष को हाउसिंग बोर्ड में गठित समिति में शामिल किया जाए और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता के आदेश के अनुसार समिति का गठन किया जाए। बिक्री विलेख के निष्पादन के समय विक्रेता/क्रेता से लिए गए शपथ पत्र/क्षतिपूर्ति की जांच करना और पुस्तिका में दिए गए बिक्री के बाद हस्तांतरण को स्थानांतरित करने की मांग की गई।