चंडीगढ़, 18 सितंबर। आल कांट्रेक्चुअल कर्मचारी संघ यूटी चंडीगढ़ ने पंजाब सरकार से पंजाब के अनुबंध कर्मचारियों के लिए कैबिनेट में पेश किए जा रहे “सुरक्षा और रेगुलराइजेशन विधेयक 2020” में ए तथा बी श्रेणी के कर्मचारियों को भी शामिल करने की मांग की है। आल कांट्रेक्चुअल कर्मचारी संघ यूटी चंडीगढ़ ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर ए तथा बी श्रेणी को अनुबंध कर्मचारियों की रेगुलराइजेशन के लिए कैबिनेट में मान्यता के लिए जमा किए जा रहे बिल में शामिल करने व पुष्टि के लिए पत्र लिखा है। आल कांट्रेक्चुअल कर्मचारी संघ ने यह पत्र मुख्यमंत्री पंजाब, अध्यक्ष कांग्रेस, सभी कैबिनेट मंत्रियों और अध्यक्ष उपसमिति और राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा।
आल कांट्रेक्चुअल कर्मचारी संघ यूटी चंडीगढ़ के चेयरमैन बिपिन शेर सिंह ने जारी एक बयान में कहा है कि पंजाब सरकार के अधीन कई ए तथा बी श्रेणी के कर्मचारी कांट्रैक्ट पर कार्यरत हैं। पंजाब सरकार वर्षों से कार्यरत कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के नियमितीकरण के मामले व ठेका कर्मियों के कल्याण के लिए चुनाव से पहले से एक विधेयक पेश करती आ रही है और विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि इस अधिनियम के तहत ए तथा बी श्रेणी के कर्मचारी शामिल नहीं किए गए। इस विषय पर पंजाब सरकार द्वारा पेश किए गए बिल में ए तथा बी कैटेगरी के कर्मचारियों को शामिल नहीं करके पंजाब सरकार द्वारा साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
यह कहा गया कि विभिन्न सामान्य धारणाओं और सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों के अनुसार, सरकार को एक आदर्श नियोक्ता होना चाहिए और विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए। सरकार के संज्ञान में यह भी लाया गया कि पंजाब के विभिन्न कॉलेजों में तीन साल की सेवा पूरी करने वाले सहायता प्राप्त कॉलेजों के एसोसिएट प्रोफेसरों की एक श्रेणी को पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 2019, 2020 और 2021 में पहले ही रेगुलर किया जा चुका है। इसलिए आल कांट्रेक्चुअल कर्मचारी संघ ने पंजाब सरकार से विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया कि रेगुलराइजेशन जिम्मेदार विधेयक में ए और बी श्रेणी के समर्थकों को शामिल किया जाए।
अखिल संविदा कर्मचारी संघ ने कहा कि चंडीगढ़ में भी पंजाब के नियम और नीतियां चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर लागू होती हैं व अपनाई जाती है जिससे चंडीगढ़ में कार्यरत कांट्रैक्ट इम्प्लाइज की रेगुलराइजेशन में भी मदद हो सकती है ।