नई दिल्ली, 9 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने आवास पर टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों के भारतीय दल की मेजबानी की। इस दल में पैरा-एथलीटों के साथ-साथ उनके कोच भी शामिल थे।
प्रधानमंत्री ने पूरे दल के साथ सुस्पष्ट या बेबाक और अनौपचारिक संवाद किया। प्रधानमंत्री ने इन खेलों में उनके रिकॉर्ड तोड़ ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी अनूठी उपलब्धियों से देश भर में समस्त खेल समुदाय का मनोबल काफी ऊंचा होगा और नवोदित खिलाड़ी विभिन्न खेलों में पूरे जज्बे के साथ भाग लेने हेतु आगे आने के लिए प्रोत्साहित होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके अद्भुत प्रदर्शन से देश भर में खेलों के बारे में जागरूकता कई गुना बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से दल के अदम्य भावना और मजबूत इच्छा-शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पैरा-एथलीटों ने अपने जीवन में जिन बाधाओं को पार किया है, उन्हें देखते हुए यह प्रदर्शन प्रशंसनीय है। जो खिलाड़ी पदक नहीं जीत सके, उनका मनोबल बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक सच्चा खिलाड़ी हार या जीत से प्रभावित हुए बिना आगे बढ़ता रहता है। उन्होंने कहा कि वे देश के राजदूत हैं और उन्होंने अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन से विश्व मंच पर राष्ट्र का मान बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने ‘तपस्या, पुरुषार्थ और पराक्रम’ के जरिए पैरा-एथलीटों ने लोगों का उनके प्रति नजरिया बदल दिया है। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव की इस अवधि में, उन्हें खेल की दुनिया के बाहर कुछ क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि वे लोगों को कैसे प्रेरित कर सकते हैं और बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं।
पैरा-एथलीटों ने निमंत्रण देने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और कहा कि उनके साथ एक ही टेबल पर बैठना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। खिलाड़ियों ने उनके पूरे प्रयास में निरंतर मार्गदर्शन, प्रेरणा और समर्थन के लिए उन्हें विशेष रूप से धन्यवाद दिया, और कहा कि अन्य देशों के एथलीट आश्चर्यचकित थे जब उन्हें पता चला कि उनके भारतीय खिलाड़ी मित्रों को उनके प्रधानमंत्री से बधाई के फोन आए। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे सरकार ने उनके प्रशिक्षण की सर्वोत्तम व्यवस्था करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
कई खिलाड़ियों ने अपने हस्ताक्षर सहित खेल उपकरण प्रधानमंत्री को भेंट किए, जिससे उन्होंने अपने पदक जीते। सभी पदक विजेताओं द्वारा हस्ताक्षरित एक स्टोल भी प्रधानमंत्री को भेंट की गई। उन्होंने कहा कि खेल उपकरणों की नीलामी की जाएगी और जिसका एथलीटों ने स्वागत किया। केन्द्रीय खेल मंत्री और केंद्रीय कानून मंत्री भी इस अवसर पर मौजूद थे।