चंडीगढ़, 8 सितंबर। नाबार्ड पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ द्वारा “पंजाब में कृषि निर्यात संवर्धन के अवसर” डॉ. राजीव सिवाच, मुख्य महाप्रबंधक की अगुवाई में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में डॉ. अजय वीर जाखड़, अध्यक्ष, पंजाब राज्य किसान और कृषि श्रमिक आयोग मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए । कार्यशाला में अपेडा, PAGREXCO, PAU, GADVASU, CIPHET, DMI, बागवानी विभाग, मिल्कफेड, एक्जिम बैंक, नाबी, क्रॉपइन टेक्नोलोजी के अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया। एफपीओ सदस्यों, पीओपीआई/एनजीओ और प्रगतिशील किसानों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
डॉ. राजीव सिवाच ने अपने उद्घाटन भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत कृषि निर्यात करने वाले देशों में 9वें स्थान पर है, लेकिन कृषि निर्यात में भारत की हिस्सेदारी केवल 3.1% है। इसके अतिरिक्त, निर्यात में योगदान के मामले में पंजाब सभी भारतीय राज्यों में 13वें स्थान पर है। यहाँ पर मूल्यवर्धन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और निर्यात के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने की व्यापक संभावना है। वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए उत्पादन, प्रसंस्करण, पद्धतियों और अनुपालन के मामले में किसानों के बीच जागरूकता और क्षमता निर्माण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कृषि उत्पादन, इन्फ्रास्ट्रक्चर लोजीस्टिक्स, ऋण सहायता, मोबिलाइज़ेशन, क्षमता निर्माण और विपणन में विभिन्न हस्तक्षेपों के माध्यम से नाबार्ड द्वारा निभाई गई भूमिका से अवगत कराया।
डॉ. अजय वीर जाखड़ ने पंजाब में कृषि की संभावनाओं, समस्याओं और समाधानों पर बात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि कृषि और इसके निर्यात में पंजाब की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। विशेष रूप से अगले बीस से तीस वर्षों के लिए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए कृषि उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त योजना बनाना समय की आवश्यकता है। पंजाब में कृषि निर्यात हब के रूप में उभरने और स्थापित करने की क्षमता है। उन्होंने मार्केटिंग इंटेलिजेंस सेल के गठन का सुझाव दिया जो कृषि निर्यात के लिए पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
नाबार्ड द्वारा पंजाब में कृषि क्षेत्र की पहलों पर प्रस्तुति दी गई। किसानों के लिए नियामक और अन्य अनुपालन, राज्य की “कृषि निर्यात रणनीति”, ट्रेसबिलिटी और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने में ब्लॉकचेन तकनीक, बासमती का निर्यात सम्मत कीटनाशक का उपयोग, कृषि निर्यातकों के लिए उपलब्ध ऋण सुविधाओं पर आगे के सत्र आयोजित किए गए।
इसके बाद, “कृषि निर्यात चुनौतियों और क्षमता” पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें निर्यात प्रोत्साहन के लिए गुणवत्ता, पैकेजिंग और विपणन मानकों के विकास के लिए अपेक्षित प्रशिक्षण के साथ-साथ किसानों के लिए जागरूकता सृजन और सूचना प्रवाह एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक के रूप में सामने आया। ओपन हाउस सत्र में, एफपीओ सदस्यों और पीओपीआई ने विषय विशेषज्ञों के साथ बातचीत की और अपने प्रश्नों और मुद्दों समाधान दिया ।