चंडीगढ़, 1 सितम्बर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूचना प्रौद्योगिकी को नए तरीके से परिभाषित करते हुए कहा कि आज के दौर में आईटी की सही परिभाषा इमिजिएट ट्रांसफॉरमेशन यानी तुरंत बदलाव है। उन्होंने कहा कि हमें हैपिनेस इंडेक्स की तरफ कदम बढ़ाने हैं। आईटी का इस्तेमाल करके ‘ईज ऑफ लिविंग’ अर्थात प्रदेश के आम आदमी के जीवन में सरलता लाना सरकार का उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग द्वारा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से बनाए गए ऑटो अपील सॉफ्टवेयर ‘आस’ के लोकार्पण के मौके पर बोल रहे थे।
मनोहर लाल ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करके अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को उसके घर-द्वार पर सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पहुंचाने के मकसद से यह सॉफ्टवेयर लॉन्च किया गया है। यह सरकारी सेवाओं की समयबद्ध तरीके से डिलीवरी में मील का पत्थर साबित होगा। इसके शुरू होने से लोगों को एक आस बंधी है और हमें इस आस को असल तक लेेकर जाना है। उन्होंने कहा कि लोगों की यह आस तभी पूरी हो सकती है, जब सभी सेवाओं को ऑनलाइन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो अधिकारी या कर्मचारी निर्धारित समय-सीमा के अंदर काम नहीं करता, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सेवा डिलीवरी में कोताही बरतने पर आयोग द्वारा तय की गई सजा पर सख्ती से अमल होना चाहिए। लेकिन जो अधिकारी और कर्मचारी समय से पहले काम कर देते हैं उन्हें रिवार्ड भी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी सुशासन दिवस को लगभग 4 महीने बाकी हैं, इस दौरान हर कर्मचारी का मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
मनोहर लाल ने कहा कि ऑटो अपील सॉफ्टवेयर एक अच्छी शुरुआत है। लेकिन अभी इसके बारे में लोगों में जागरूकता की कमी है। इसलिए अभियान चलाकर लोगों को यह बताने की जरूरत है कि उनकी समस्या का समाधान घर बैठे भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय 31 विभागों के 38 संगठनों की 546 अधिसूचित सेवाओं में से 277 सेवाएं अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जबकि 269 सेवाएं ऑफलाइन प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने विभिन्न विभागों के प्रशासकीय सचिवों को निर्देश दिए कि बाकी सेवाओं को भी जल्द से जल्द ऑनलाइन किया जाए।
उन्होंने कहा कि 26 अक्तूबर 2014 को जब मैंने जनसेवा का दायित्व संभाला था, उस समय मुख्यमंत्री, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के घर व दफ्तर के बाहर लोगों की लाइन लगी रहती थी। उन्हें हर छोटे-बड़े काम के लिए प्रदेश की राजधानी आना पड़ता था। आजाद भारत में मुझे यह सब देखकर बड़ी पीड़ा होती थी और अक्सर सोचता था कि क्यों न लोगों के काम घर बैठे हों, उन्हें अपने काम के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें।
कार्यभार संभालने के मात्र डेढ़ महीने के भीतर मौजूदा सरकार ने सीएम विंडो लॉन्च करके आम आदमी को घर बैठे शिकायत दर्ज करवाने का अधिकार दिया। अब तक इस पर लगभग 9 लाख शिकायतें दर्ज करवाई जा चुकी हैं, जिनमें से सवा आठ लाख शिकायतों पर कार्रवाई की गई है। इस तरह देखा जाए तो हर रोज तकरीबन 400 लोगों को अपने छोटे-बड़े कामों के लिए चंडीगढ़ आना पड़ता था। सीएम विंडों के चलते इन लोगों के समय और पैसे की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि अंत्योदय सरल पोर्टल, वैब हैलरिस, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा जैसी अनूठी पहलों से लोगों का जीवन सुगम हुआ है।
इस मौके पर हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता और आयुक्त हरदीप कुमार ने ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव विनीत गर्ग ने विभाग द्वारा की गई आईटी पहलों के बारे में अवगत करवाया। विभिन्न विभागों के प्रशासकीय सचिव और जिलों के उपायुक्त कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. दास, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, उप-प्रधान सचिव आशिमा बराड़, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव शत्रुजीत कपूर, रोजगार विभाग के आयुक्त नितिन यादव और आयोग की सचिव मीनाक्षी राज समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।