चण्डीगढ़, 1 सितम्बर। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ व भारतीय बिजली कर्मचारी महासंघ के फैसले के तहत बुधवार को यूटी एवं एमसी के कर्मचारियों ने फैड़रेशन ऑफ यूटी इम्पलाईज एण्ड वर्कर चण्डीगढ़ के आहवान पर निजीकरण विरोधी दिवस मनाया तथा बिजली, पानी, बागबानी, सड़क, बाल कल्याण परिषद एम सी मनीमाजरा आदि विभागों में रोष रैलियां की।
रोष रैलियों को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासघं के सचिव व यूटी इम्पलाईज फैड़रेशन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाईपलाईन (एनएमपी) की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार का यह कदम पूर्ण रूप से निजीकरण का दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि एनएमपी के तहत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की 6 लाख करोड़ की सम्पत्ति निजी सरमायेदारों को बेच रही हैं जो देश हित में नहीं है। जनता की कड़ी मेहनत व उनके द्वारा दिये गये टैक्सों के पैसों से खड़े किये गये सार्वजनिक क्षेत्र को बेचना व देष व इसके निवासियों के साथ धोखाधड़ी है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ केन्द्र सरकार बड़े कार्पोरेट घरानों के लाखों करोड़ रूपये टैक्स माफ कर रही है और दूसरी तरफ सार्वजनिक क्षेत्र की सम्पत्तियों को निजी हाथों में सोैंप कर 6 लाख करोड़ कमाने की बात कर रही है इससे केन्द्र सरकार की निजीकरण व कार्पोरेटपरस्त नितियां स्पष्ट होती हैं। फैड़रेषन के प्रधान रघबीर चन्द ने कहा कि सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र की सम्पत्ति को बेचने का फैसला दैनिक खर्च पूरा करने के लिए पारवारिक गहने बेचने जैसा हैं। पुरखों द्वारा खड़े किये गये ढांचे को निजी हाथों में सौंप कर सम्पत्ति अर्जित करना किसी भी तरह जायज नहीं ठहराया जा सकता। इसलिए सरकार को मुद्रीकरण पाईपलाईन की निति को तुरंत वापिस लेना चाहिए। यूटी पावरमैन यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह ने सुचारू रूप से चल रहे तथा सस्ती व निर्विघ्न बिजली देकर मुनाफा कमा रहे बिजली विभाग को देष भर में सबसे अधिक बिजली के रेट वाली कम्पनी को बेचने की तिखीं निन्दा की तथा कि सरकार का यह फैसला कर्मचारियों के खिलाफ तो हैं ही है यह आम जनता के साथ भी बहुत बड़ा धोखा है। जनता को भी इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। फैड़रेषन के संयुक्त सचिव अमरीक सिंह, हरकेष चन्द, गुरमीत सिंह, चैन सिंह व रणजीत सिंह, नसीब सिंह, एम. सुब्रामण्यम ने एन एच एम कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन करते हुए प्रषासन को चेतावनी दी कि अगर एन एच एम कर्मचारियों का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो फैड़रेषन इस संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल होगी। उन्होंने चण्डीगढ़ प्रषासन की विभागों में खाली पड़ी पोस्टें न भरने के लिए कड़ी निन्दा की तथा आरोप लगाया कि कई साल तक खाली पड़ी प्रमोषन की पोस्टों को भी न भरके चण्डीगढ़ प्रषासन कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है जिस कारण पोस्टें होने तथा नियमों के मुताबिक योग्यता के बावजूद कर्मचारी बिना प्रमोषन के रिटायर हो रहे है जिसके खिलाफ फैड़रेषन शीघ्र ही अपनी मीटिंग बुलाकर संघर्ष को तेज करने का फैसला करेंगी।