चण्डीगढ़, 29 अगस्त। केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाईपलाइन (एनएमपी) की नीति के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की 6 लाख करोड़ की सम्पत्ति सरमायेदारों को बेचने के फैसले के खिलाफ देशभर में लामबन्दी हो रही है। देश के सबसे बड़े कर्मचारी संगठन अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ तथा बिजली कर्मचारियों की राष्ट्रीय फैड़रेशन भारतीय बिजली कर्मचारी फैड़रेशन ने सरकार के फैसले के खिलाफ देशभर में विरोध प्रर्दशन करने का ऐलान किया है। एआईएसजीईएफ के राष्ट्रीय सचिव व बिजली कर्मचारियों की अखिल भारतीय महासंघ के कार्यकारी सदस्य गोपाल दत्त जोशी ने एनएमपी पर कड़ा ऐतराज जताते हुए केन्द्र सरकार की निन्दा की व कहा कि चण्डीगढ़ में भी 1 सितम्बर 2021 को अलग अलग विभागों में रोष रैलियां की जायेंगी।
फैड़रेशन ऑफ यूटी ईम्पलाईज एण्ड वर्करज चण्डीगढ़ ने अखिल भारतीय विरोध प्रर्दशन का समर्थन करते हुए कहा कि जनता की कड़ी मेहनत व उनके द्वारा दिये गये टैक्सों के पैसों से खड़े किये गये सार्वजनिक क्षेत्र को बेचना देश व इसके निवासियों के साथ धोखाधड़ी है। फैड़रेशन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी, प्रधान रघबीर चन्द, वरिष्ठ उप प्रधान राजेन्द्र कटोच व ध्यान सिंह ने कहा कि अब केन्द्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने की घोषणा कर दी है। यह पूरी तरह निजीकरण है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केन्द्र सरकार बड़े कार्पोरेट घरानों के लाखों करोड़ रूपये टैक्स माफ कर रही है और दूसरी तरफ सार्वजनिक क्षेत्र की सम्पत्तियों को निजी हाथों में सौंपकर 6 लाख करोड़ कमाने की बातत कर रही है। इससे केन्द्र सरकार की कार्पोरेट परस्त नीतियां स्पष्ट होती हैं। सरकार का यह फैसला दैनिक खर्च पूरा करने के लिए पारिवारिक गहने बेचने जैसा है। पुरखों द्वारा खड़े किये गये ढांचे को निजी हाथों में सौंपकर संपत्ति अर्जित करना किसी भी तररह जायज नहीं ठहराया जा सकता इसलिए सरकार को यह फैसला तुरन्त वापिस लेना चाहिए। उन्होंने सभी कर्मचारियों से 1 सितम्बर को अलग अलग विभागों में की जा रही रैलियों में भारी संख्या में शामिल होने की अपील की है। फैड़रेशन के पदाधिकारियों ने सुचारू रूप से चल रहे व निर्विघ्न रूप से चल रहे तथा सस्ती बिजली देकर मुनाफा कमा रहे चण्डीगढ़ के बिजली विभाग को सबसे मंहंगी दरों पर बिजली देने वाली एमीनेंट कम्पनी के हाथों बेचने की निन्दा की तथा कर्मचारियों व जनता के हित में निजीकरण के फैसले को रद्द करने की मांग की। फैड़रेशन ने एन एच एम कर्मचारियों द्वारा अपनी जायज मांगों को लागू करने के लिए की जा रही हड़ताल का समर्थन करते हुए चण्डीगढ़ प्रशासनसे उनकी मांगें शीघ्र मानने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि अगर एन एच एम कर्मचारियों से बात कर मांगों का समाधान नही किया तो फैड़रेशन के साथ सम्बन्धित यूनियनें इस संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल हो जायेंगी। यह जानकारी जारी एक विज्ञप्ति में दी गई।