चंडीगढ़, 28 अगस्त। चंडीगढ़ के पूर्व सांसद एवं भारत सरकार के अपर महासालिसिटर सत्य पाल जैन ने कहा कि संयमित जीवन, संयमित खाना, संयमित व्यायाम तथा संयमित रूप से शरीर की देखभाल की जाये तो शरीर में आने वाले कष्ट एवं दूःखों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में अच्छी सेहत जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है और यदि व्यक्ति की सेहत ठीक हो तो बाकि चीजों का प्रबंधन अधिक सरलता से किया जा सकता है।
जैन आज प्रातः चंडीगढ़ के सैक्टर 16 में स्थित गांधी भवन में ‘विद्युत ट्रस्ट’ तथा ‘योग इंडिया फाउंडेशन भारत’द्वारा दो दिवसीय ‘दर्द प्रबंधन कार्यशाला’(पेन मैनेजमैंट वर्कशॉप) का उद्धघाटन करने के बाद मुख्यतिथि के नाते उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे।
विद्युत ट्रस्ट की अध्यक्षा तथा समाजसेवी प्रीति गोयल ने कहा कि यह कार्यशाला चंडीगढ़ में अपने किस्म की पहली कार्यशाला है जिसमें विशेषज्ञों द्वारा लोगों को बतलाया जायेगा कि वह अपने शरीर के दुःख, कष्ट एवं बीमारियों का दवाई लिये बिना भी इलाज किस प्रकार से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दो दिन की यह कार्यशाला सभी नागरिकों के लिये खुली है तथा उनका ट्रस्ट इसके साथ-साथ अन्य प्रकल्प भी चलायेगा जिसमें हर नागरिक अपनी बीमारी का इलाज स्वयं कर सके। यह कार्यशाला कल भी चलेगी।
इस शिविर में जयपुर से आये डॉ0 राम हरि मीना नागरिकों को विस्तार से प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन शैली के प्रति यदि उचित ध्यान दिया जाये तो व्यक्ति शारीरिक कष्टों से बच सकता है। इस अवसर पर औरों के अतिरिक्त देव राज त्यागी, एम. के. डोगरा, प्रेम विज, अनामिका वालिया आदि भी उपस्थित रहे।