चंडीगढ़, 18 अगस्त। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि भविष्य में थाईलैंड सरकार को शत-प्रतिशत सहयोग दिया जाएगा ताकि कोविड जैसे अदृश्य वायरस से दुनिया के लोगों को बचाया जा सकें। उन्होंने कहा कि आज सारी दुनिया इस महामारी ग्रसित है परंतु हरियाणा ने समय रहते इस महामारी को काबू करने के लिए ठोस व तत्काल उपायों को उठाया है।
विज ने यह जानकारी आज यहां कोविड के डेल्टा वेरिएंट प्रसार के दौरान कोविड संकट प्रबंधन को संभालने के लिए राज्य सरकार के अनुभव के संबंध में थाईलैंड सरकार के साथ आयोजित वेबिनार के दौरान दी।
उन्होंने समय पर उठाए गए सक्रिय उपायों के संबंध में कहा कि लॉकडाउन के प्रभावी कार्यान्वयन, मॉलिक्यूलर परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना और कोविड देखभाल केंद्रों में बढ़ोतरी, दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन हेल्पलाइन की स्थापना, किए गए विभिन्न सर्वेक्षण ताकि कोविड संक्रमण का आकलन किया जा सके, टेली-मेडिसिन, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के लोगों को मुफ्त चिकित्सा उपचार और चिकित्सा सहायता प्रदान करना, राज्य और जिला स्तरीय समितियों का गठन करना, ग्रामीण क्षेत्रों में समर्पित हरियाणा ग्राम सामान्य स्वास्थ्य जांच योजना आदि के प्रसार के सहयोग से कोविड संक्रमण को रोकने व लोगों की जान बचाने में सहयोग मिला है। इसके अलावा, टीकाकरण अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन एक प्रमुख कारक था जिसने वायरस से निपटने में मदद की। अब तक लगभग 14 मिलियन खुराक निःशुल्क प्रदान की जा चुकी हैं।
विभिन्न सक्रिय उपायों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने आम जनता के बीच घबराहट को कम करने के लिए 3 फरवरी 2020 से कोविड-19 आंकड़ों पर दैनिक बुलेटिन जारी करना शुरू किया।
विज ने बताया कि राज्य में पहला मामला 17 मार्च, 2020 को जिला नागरिक अस्पताल, गुरुग्राम में दर्ज किया गया था और उसके बाद तुरंत स्वास्थ्य अधिकारी सचेत हुए और राज्यव्यापी प्रोटोकॉल को अमल में लाया गया। इसके अलावा, कोविड परीक्षण की मांग को पूरा करने के लिए 31 मार्च, 2020 तक दो कोविड जांच की प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं। आरटी-पीसीआर परीक्षण क्षमता को प्रतिदिन एक लाख 30 हजार तक बढ़ाने के लिए अब तक 18 नई सरकारी और 21 निजी प्रयोगशालाओं को जोड़ा जा चुका हैै। इसके अलावा, अब तक 11 लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं।
उठाए गए विभिन्न कदमों को सांझा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कोविड संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अप्रैल 2020 में देश में 40 दिनों से अधिक के लिए पूर्ण लॉकडाउन लागू किया, जिसका हरियाणा राज्य में सख्ती से पालन किया गया। इसे चरणबद्ध छूट के साथ महीनों तक जारी रखा गया। दूसरी लहर के दौरान भी, राज्य ने प्रसार को नियंत्रित करने के लिए आंशिक लॉकडाउन लागू किया।
उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने के लिए 40 हजार से अधिक बिस्तरों वाले माइल्ड रोगियों के लिए डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं। सभी 22 जिलों के अस्पतालों में 24 हजार से अधिक डेडीकेटिड कोविड बेड उपलब्ध कराए गए हैं। सभी सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर और बाई-पैप सेवाओं के साथ आईसीयू बेड स्थापित किए गए थे तथा सिविल अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों और निजी/कॉर्पाेरेट अस्पतालों में क्षमता बढ़ाई गई।
विज ने बताया कि हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग यानी एचएमएससीएल की खरीद शाखा ने कोविड रोगियों के इलाज के लिए आवश्यक उपकरणों, दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित की। साथ ही, मानव संसाधन में अंतर को पाटने के लिए 1000 से अधिक चिकित्सा और पैरा-मेडिकल कर्मियों की भर्ती की गई। वेबिनार के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण का आयोजन वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा नैदानिक परिणामों में सुधार के लिए किया गया।
विज ने वेबिनार में थाईलैंड के अधिकारियों को अवगत कराया कि आशा वर्करों द्वारा ग्रामीण, शहरी और प्रवासी स्लम घरों में घर-घर सर्वेक्षण के माध्यम सें लगभग 13 मिलियन लोगों की जांच की गई और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लगभग 30 हजार रोगियों का निदान किया गया। उन्होंने कहा कि 450 मोबाइल स्वास्थ्य टीमों की सुविधा दूर-दराज के क्षेत्रों में परीक्षण सुविधाओं के लिए उपलब्ध कराई गई। लॉकडाउन के दौरान मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए ई-संजीवनी और टेली परामर्श सेवाएं भी स्थापित की गईं।
विज ने कहा कि राज्य और जिला स्तरीय निगरानी समितियों का गठन किया गया है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया गया कि होम आइसोलेशन टीमें नियमित रूप से मरीजों के स्वास्थ्य की जांच करें। रोगियों को होम आइसोलेशन किट भी मुफ्त प्रदान की गई, जिसमें सूचना के लिए पुस्तिका, पल्स-ऑक्सीमीटर, स्टीमर, डिजिटल थर्मामीटर, दवाएं और आयुष प्रतिरक्षा बूस्टर शामिल थे।
उन्होंने कहा कि 2021 में कोविड की दूसरी लहर की शुरुआत के साथ, पहली लहर के दौरान 20 हजार मामलों की तुलना में सक्रिय मामलों की संख्या लगभग 1.15 लाख बढ़ गई, जिसके परिणामस्वरूप अस्पतालों में लोगों के भर्ती होने में वृद्धि हुई; तदनुसार, ऑक्सीजन, दवाओं, बेड उपभोग्य सामग्रियों आदि की मांग को पूरा करने की चुनौती सामने आ खड़ी हुई। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों की ऑक्सीजन की मांग का आंकलन करने के लिए विभिन्न प्रशासनिक सचिवों की राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया। जिला अस्पतालों की आवश्यकता का विश्लेषण करने के लिए ऑक्सीजन ऑडिट को लागू किया गया।
ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कोविड रोगियों के लिए ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नौ ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित किए गए थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजना 50 बेड या उससे अधिक बिस्तर क्षमता वाले सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 130 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने की योजना हैै। साथ ही, इतने कम समय में 700 वेंटिलेटर, 650 बाई-पैप मशीन और 5 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चालू किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार को रोकने के लिए हरियाणा ग्राम सामान्य स्वास्थ्य जांच योजना 15 मई, 2021 से शुरू की गई थी और उच्च कोविड लोड वाले गांवों को प्राथमिकता पर लिया गया था तथा रैपिड एंटीजन परीक्षण (आरएटी) स्क्रीनिंग के लिए मुख्य रूप से अपनाया गया। अब तक, कुल 1,73,79,228 की जांच की गई और आईएलआई के 1,10,928 मामलों का पता लगाया गया और बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए 5,164 पॉजिटिव मामलों का निदान, आइसोलेशन और उपचार किया गया।
इसके अलावा, सभी सरकारी अस्पतालों में आईसीयू देखभाल और दवाओं और प्रायोगिक दवाओं जैसे रेमेडिसविर, टोसीलिज़ुमैब सहित निशुल्क परीक्षण और उपचार किया गया। निजी अस्पतालों में रेफर किए जाने वाले मरीजों के लिए भी उपचार सेवाएं मुफ्त थीं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी अस्पतालों में कोविड जांच और इलाज के लिए शुल्क की ऊपरी सीमा तय की है। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के कोविड रोगियों को होम आइसोलेशन और 5 हजार रुपये का अनुदान और मृत्यु के मामले में 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का काम किया गया। कोविड ड्यूटी के लिए तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर दिया गया। कोविड सेवाओं के अलावा, सभी आवश्यक सेवाएं, जैसे, नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव और बीमार नवजात देखभाल, सर्जरी सहित 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं महामारी के दौरान चालू थीं।
थाईलैंड के पूर्व उपप्रधानमंत्री सुवित खुनखिती ने आशा व्यक्त की कि हरियाणा सरकार के विशेषज्ञों के साथ संवाद निश्चित रूप से लाभकारी होगा। उन्होंने कहा कि उन कदमों को समझना महत्वपूर्ण है जिनके कारण राज्य में इस बीमारी में तेजी से गिरावट आई है।
थाईलैंड के जन स्वास्थ्य उप-मंत्री साथित पितुतेचा ने कहा कि कोविड बढ रहा है और यह अप्रत्याशित प्रकृति का है और उनकी सरकार इस संकट से निपटने के लिए उठाए गए कदमों को समझने के लिए उत्सुक है।
बेविनार के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा और विशेष सचिव प्रभजोत सिंह ने एक व्यापक प्रस्तुति दी। वेबिनार में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के विशेष सचिव डॉ. शालीन भी उपस्थित थे।
अरोड़ा ने कहा कि कोविड के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रमुख कदमों में से एक पोस्ट कोविड केयर डेथ ऑडिट था। उठाए गए अन्य कदमों में उमंग क्लीनिक की स्थापना भी शामिल थी जिससे लोगों को मानसिक बीमारी से निपटने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि राज्य ने कोविड के लिए उपयुक्त स्वास्थ्य ढांचा तैयार किया है और संभावित कोविड तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम ने कहा कि संकट की घड़ी में राज्य की पूरी मशीनरी हरकत में आई और कम समय में ही प्रयोगशाला आदि स्थापित करने में सफल रही। उन्होंने कहा कि वे डॉक्टरों की टीम, विशेष रूप से डॉ. ध्रुव चौधरी और डॉ सुशीला कटारिया के आभारी हैं, जिन्होंने स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव प्रभजोत सिंह ने प्रस्तुति के दौरान सांझा किया कि ई-संजीवनी ओपीडी 1 मई, 2020 से राज्य में लागू की गई थी और वर्तमान में 24 घंटे राज्य के लोगों को सेवाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने विस्तार से बताया कि राज्य के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 24 घंटे की कोविड-19 हेल्पलाइन भी शुरू की गई है।
स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक वीना सिंह द्वारा एक प्रस्तुति दी गई, जिसमें उन्होंने महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को साझा किया। उन्होंने बताया कि प्रभावी कोविड प्रबंधन रणनीतियाँ फायदेमंद साबित हुई हैं।