चण्डीगढ़, 10 अगस्त। सुचारू रूप से चल रहे व सस्ती बिजली देकर व 24×7 घंटे निर्विघ्न सप्लाई देने के बाद भी मुनाफा कमा रहे चण्डीगढ़ के बिजली विभाग को कोडियों के भाव बेचने के खिलाफ तथा कम्रचारियों की सेवाशर्ते सुनिष्चित करने के लिए ट्रांसफर पालिसी पर कर्मचारियों व अभियन्ताओं के एतराज दूर कर उसे फाइनल करने तक बिडिग प्रोसेस रोकने तथा प्रमोशन सहित अन्य मांगों को लागू करने तथा मांगों पर प्रशासन द्वारा अपनाये जा रहे अडियल रवैये के विरोध में मंगलवार को बिजली कर्मचारियों ने आज आम हड़ताल कर संविधान तथा बिजली क्षेत्र बचाओ दिवस मनाया।
आज की हड़ताल का आह्वान बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने संसद में बिजली अमैन्डमैंट बिल रखने के खिलाफ तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में वितरण का निजीकरण के खिलाफ किया था। सरकार द्वारा 10 अगस्त को संसद में बिल पेश न करने के समाचार के बाद अखिल भारतीय हड़ताल वापिस ले ली थी लेकिन चण्डीगढ़ में बिडिग के काम में तेजी का विरोध करने तथा उससे पहले कम्रचारियों के हितों को सुरक्षित करने के लिए पालिसी न बनाने के खिलाफ यूटी पावरमैन यूनियन ने सारी शिफ्टों में हड़ताल की बजाय सिर्फ सुबह 9 बजे से 5 बजे तक हड़ताल की । कर्मचारी सुबह अपने अपने 2 दफ्तरों में आये तथा जुलुस की शक्ल में संयुक्त कर्मचारी मोर्चे द्वारा सैक्टर 17 में की गई रैली में भारी संख्या में शामिल हुए।
संयुक्त कम्रचारी मोर्चे के धरने में बाकी मांगों के अलावा बिजली विभाग के निजीकरण को रोकने का विषेष प्रस्ताव पासकर जल्दी मीटिंग कर निजीकरण के खिलाफ सीधे संघर्ष का ऐलान किया और इस संदर्भ में प्रषासक के सलाहकार को दिये गये ज्ञापन में बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की गई।