चंडीगढ़, 5 अगस्त। श्रीमद्भागवत की चौथे दिन की कथा में पूज्य बाल व्यास शैलेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने सभी श्रोतागण भक्तों एवं संगत को भक्त अजामल की कथा में नाम की महिमा का महत्व समझाया। संगत को कथावाचक व्यास ने बताया कि अजामल जैसे अधर्म करने वाले इंसान को सन्तो के प्रेरणा से बेटे का नाम “नारायण” रखने से अंत समय में यमदूत भी नही ले जा सके। गुरु नाम मे इतनी अपार शक्ति है। उसके बाद आज के मुख्य प्रसंग में भगवान श्री राम चन्द्र जी का पावन अवतरण उसके बाद परमाराध्य बांके बिहारी श्री कृष्ण लला जी का अवतरण दिवस तो बड़े ही धूम धाम से मनाया गया।
महाप्रभू श्री बांके बिहारी जी की बाल लीला को भी सबके सामने चरितार्थ किया गया। सभी भगत एवं संगत ने माखन मिश्री फल और मीठा आदि का प्रसाद ग्रहण किया। श्री अद्वैत स्वरूप शिव मंदिर अजून सेवानंद ट्रस्ट फेस 2 राम दरबार चण्डीगढ़ एवं श्री नंगली दरबार सेवासमिति चण्डीगढ़ (रजि) के संयुक्त प्रयास से इस पावन कथा का संचालन हो रहा है। आज के मुख्य यजमान सिंगला परिवार एवं गोयल परिवार थे। रमेश चंद्र (बबलू) भैया के दिन रात के मेहनत एवं अथक प्रयास में देश राज राणा, रमन छाबड़ा, ब्रह्म प्रकाश छाबड़ा, गौरव सिंगला, प्रेम स्वरूप बहन सुमन महाजन तथा पीसी यादव अपना बहुमूल्य समय, सेवा तन मन धन से दे रहें। कथावाचक से सभी क्षेत्रवासी दिव्य कथा का आनन्द लेकर अपना जीवन को आनंदित कर रहें है।