चंडीगढ़, 4 अगस्त। कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में नकारात्मक ऊर्जा पैदा कर लोगों के जीवन को पूरी तरीके से प्रभावित किया है। अगर आपको इस नकारात्मक उर्जा से बाहर आना है तो आपको भक्ति-भजन का मार्ग अपनाना ही पड़ेगा। यह एक ऐसे कारगर और अचूक उपाय हैं जिससे जीवन में आए बड़ी से बड़ी विपदा टल जाती है और जीवन खुशहाल हो जाता है। यह कहना है मथुरा से आए कथावाचक आचार्य शैलेन्द्र कृष्ण शास्त्री का।
श्री अद्वैत स्वरूप शिवमंदिर अजून सेवानंद ट्रस्ट रामदरबार चण्डीगढ़ एवं श्री नंगली दरबार सेवा समिति चंडीगढ़ के सहयोग से भागवत कथा का आयोजन किया गया था जिसमें आचार्य शैलेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही भक्ति-भाव बड़ी बड़ी विपदा में खिवैया रहे हैं। आप इतिहास उठाकर देख ले, भक्ति भाव से हिंदू ग्रंथ भरे पड़े हैं चाहे वह महाभारत हो, रामायण हो, शिव विवाह हो या कोई अन्य महापुराण इन सभी में भक्ति का जो अचूक प्रभाव देखा गया है शायद ही कहीं और देखने को मिलेगा।
कथा वाचन के दौरान आचार्य शैलेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारा जीवन तब तक कष्टों से भरा रहेगा जब तक हम भगवान की भक्ति नहीं करते। उन्होंने अपनी कथा वाचन में शिव विवाह, परीक्षित जन्म एवं कुंती स्तुति के माध्यम से भक्ति की शक्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान गौरव सिंघल, बालचंद, महेंद्र दास, भूपेंद्र, मुनि, रमन छाबड़ा, देशराज राणा, रमेश चंद उर्फ बबलू पीसी यादव सहित कई अन्य लोगों ने भागवत कथा को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया। यह कथा 9 अगस्त तक आयोजित की जाएगी। जिसमें 5 अगस्त दिन वीरवार को कृष्ण जन्म, ध्रुव चरित्र, एवं राम जन्म आदि कथा का आयोजन किया जाएगा।