पीएफएफआरओएसए व राइजिंग साउथ एशिया टीवी हुआ लॉन्च

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चंडीगढ़, 18 जुलाई। शहर की स्वयंसेवी संस्था युवसत्ता, जो कि वार्षिक ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट के आयोजक भी हैं, के स्वयंसेवकों की ओर से रविवार को सेक्टर-18 स्थित न्यू पब्लिक स्कूल में इंटरनेशनल वेबिनार के दौरान ‘पीपल्स फोरम फॉर राइज ऑफ साउथ एशिया’ (पीएफएफआरओएसए) और यू ट्यूब चैनल ‘राइजिंग साउथ एशिया टीवी’ लॉन्च किया गया। इसका फोकस अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भारत, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और श्रीलंका के आठ प्रमुख दक्षिण एशियाई देशों के बीच व्यापार और यात्रा को बढ़ावा देने पर रहेगा। यूट्यूब पर दुनिया भर में प्रसारित हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत सिख, इस्लाम, ईसाई और हिंदू धर्मों के आध्यात्मिक प्रमुखों द्वारा दक्षिण एशिया की शांति और एकता के लिए प्रार्थना के साथ हुई जिसमें गुरुद्वारा इशर प्रकाश रतवाड़ा साहिब के प्रमुख सेवादार संत बाबा हरपाल सिंह जी, जमा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद अजमल खान, डॉन बॉस्को नवजीवन सोसायटी के फाजर रेजी और स्वामी आत्मा ज्ञानानंद शामिल थे।
वेबिनार में हिस्सा लेने वाले प्रमुख लोगों में हिमाचल प्रदेश के एमएलए राजिंदर राणा, बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट रावमन स्मिता, हिंदु विद्यापीठ, नेपाल के संस्थापक प्रिंसिपल डॉ. चिंतामणी योगी, पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ कॉल्यू्मनिस्ट (पीएफयूसी) में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राणा अलि जोहेब, अफगान पीपल फॉर प्रोग्रेसिव थिंकिंग के अलि फाएज, नेपाल स्थित ग्लोबल पीस फाउंडेशन के प्रेसीडेंट राम रोहन पंटा, पीअर टाल्क्स, पाकिस्तान के पॉडकास्टर व सलूक (सूफी थिंक टैंक) के प्रेसीडेंट पीअर सईद मुदस्सिर शाह, ग्लोबल सिख काउंसिल (जीएससी) के प्रेसिडेंट सरदार गुरप्रीत सिंह, प्ले फॉर पीस के अजातशत्रु और हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, जयपुर के प्रोफेसर संजय शर्मा शामिल थे।
युवसत्ता के संस्थापक प्रमोद शर्मा ने कहा कि हम दक्षिण एशिया के गौरवशाली इतिहास के पांच सहस्राब्दियों से अधिक की फिर से कल्पना करने जा रहे हैं जो आर्थिक विकास, संस्कृति की समृद्धि और जैव विविधता की दृष्टि से ब्रह्मांड की धुरी थी। दक्षिण एशिया दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र भी है। ऐसा नहीं है कि वर्तमान में संस्कृतियों के बीच जो मतभेद है और अब देशों के रूप में जिन्हें पहचाना जाने लगा है, वह पहले नहीं था। फिर भी, जब तक अंग्रेजों ने भारत पर मुगलों से कब्जा नहीं कर लिया था, तब तक यह क्षेत्र विश्व सकल घरेलू उत्पाद का 1/4 वां योगदान देता था। उस समय सबसे बड़ी बात सिर्फ यह थी कि लोगों और व्यापार के आदान-प्रदान पर कोई रोक नहीं थी।
युवसत्ता के प्रयासों की सराहना करते हुए संत बाबा हरपाल सिंह जी ने पीएफएफआरओएसए को मजबूत करने के लिए एक लाख रुपये का सहयोग दिया। उन्होंने सलाह दी कि गुरु नानक देव जी के संदेश पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जब उन्होंने कहा था कि “ईश्वर न तो हिंदू है और न ही मुस्लिम”। गुरु नानक देव जी ने सभी लोगों की जाति, धर्म या लिंग की परवाह किए बिना समानता के महत्व को पढ़ाना शुरू किया था। उन्होंने सिखाया था कि हर कोई भगवान की इच्छा से बनाया गया है और इसलिए हम सभी का समान रूप से और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। और युवाओं को दक्षिण एशियाई देशों में स्थायी शांति, सद्भाव और प्रगति के लिए उनके उपदेशों का पालन करना चाहिए। वहीं, संजय शर्मा ने कहा कि आने वाले दिनों में वे पीएफएफआरओएसए व राइजिंग साउथ एशिया टीवी के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे और आर्थिक, सामाजिक, संस्कृति, प्रौद्योगिकी व वैज्ञानिक क्षेत्रों में आपसी सहायता व सहयोग को बढ़ाएंगे।  अंत में संत बाबा हरपाल सिंह जी ने प्रमुख प्रतिभागियों को वार्षिक ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट में विश्व के 23 देशों की मिट्टी और पानी से बने ‘ग्लोबल पीस सिंबल्स’ प्रदान किए।

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