चंडीगढ़, 18 जुलाई। इलेक्ट्रिकल वर्कमैन यूनियन की वर्किंग कमेटी की मीटिंग रविवार को रविंद्र बिष्ट की अध्यक्षता में सेक्टर 25 में हुई।
मीटिंग में बिजली विभाग में काम कर रहे आउट सोर्सेड वर्करों की छटनी एवं अनदेखी करने पर जोरदार शब्दों में विरोध करते हुए मांग की गई है कि प्रशासन वादे अनुसार 327 आउट सोर्सेड वर्करों की रींगेसमेंट की तरुत मंजूरी दे।
यूनियन की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि आउटसोर्सड वर्करों की छटनी के विरोध यूनियन 1 जुलाई से रैली प्रदर्शन कर रही है पर अधिकारी वर्करों को दोबारा रखने की मंजूरी नहीं दे रहे। इलेक्ट्रिकल सेवाएं जरुरी सेवाओं के अंतर्गत आती है किन्तु प्रशासन बहुत ही कैजुअल तरीके से इस को हैंडल कर रहा है। प्रशासन की इस अप्रोच के कारण जरूरी सेवाएं प्रभावित हो रही है जिसकी सरकार को कोई चिंता नहीं है।
मीटिंग को संबोधन करते हुए कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी एम्पलाइज एंड वर्कर्स यूटी चंडीगढ़ के महासचिव राकेश कुमार, यूनियन के प्रधान किशोरी लाल तथा जनरल सेक्रेटरी वरिंदर बिष्ट ने कहा कि एक तरफ जैम पोर्टल के ठेकेदार वर्करों का लगातार आर्थिक शोषण कर रहे हैं, जिसे रोकने में प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहा है और अब वर्करों को नौकरी से निकाल बाहर फेंकने की तैयारी की जा रही हैं जो किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने मांग की है कि 327 आउटसोर्सड वर्करों को रीइंगेज करने की तरूंत मंजूरी दी जाए।
नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वादे अनुसार जल्द मंजूरी ना दी गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा तथा 26 जुलाई को यूटी सचिवालय के सामने झंडा मार्च किया जाएगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों की होगी।
मीटिंग में प्रमुख तौर पर राकेश कुमार, किशोरी लाल, वरिंदर बिष्ट के अलावा, उप प्रधान यशपाल शर्मा, अवतार सिंह, सुखविंदर सिंह, भरत सिंह, जसपाल सिंह , दविंदर कुमार, सीता राम, आदि शामिल थे।